लुधियाना: पंजाब में आज कंपकंपाती ठंड व घनी धुंध के बीच स्कूल खुल गई है। हालांकि मौसम विभाग ने राज्य में धुंध व सर्दी को लेकर रैड अलर्ट जारी किया हुआ है और अध्यापकों व पेरैंट्स को उममीद थी कि विभाग छुटि्टयों में इजाफा करेगा लेकिन सभी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए विभाग ने सिर्फ स्कूल समय में आधे घंटे की ही तबदीली का नोटिफिकेशन जारी कर दिया जिसे देख अध्यापक वर्ग के साथ स्टूडैंट्स व पेरैंट्स भी टैंशन में आ गए।
उधर सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने अपने कमैंट्स के जरिए विभाग द्वारा छुट्टियां न बढ़ाने के फैसले का विरोध जताया है। कई यूजर्स ने तो यहां तक लिख दिया कि शायद सरकार अभी किसी हादसे के इंतजार में है। अगर धुंध की वजह से कोई हादसा होगा तो छुटि्टयां बढ़ेंगी। कइयों का कहना है कि अधिकारी खुद को दफ्तरों में हीटर चलाकर बैठेंगे लेकिन जिन स्कूलों में डैस्कों का अभाव है, उनमें नौनिहालों को इस कड़कती ठंड में मजबूरन जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ेगी। वर्णनीय है कि 1 से 14 जनवरी तक राज्य के स्कूल सुबह 10 बजे खुलेंगे और 3 बजे बंद होंगे।
विभाग ने अनसुनी की अध्यापक यूनियनों की मांग
जानकारी के मुताबिक उतर भारत में लगातार बढ़ रहे ठंड के सितम से बच्चों व अध्यापकों को बचाने के लिए पड़ोसी राज्य हरियाणा व दिल्ली ने क्रमश: 15 व 6 जनवरी तक सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया है। इसी शृंखला में पंजाब के स्कूली अध्यापकों व उनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी आशा थी कि स्कूलों की छुटि्टयां बढेंगी। कई अध्यापक यूनियनें भी सरकार से मांग कर रही थीं कि बढ़ रही सर्दी व घनी धुंध के चलते स्कूलों की छुटि्टयां बढ़ाई जाएं लेकिन विभाग ने उसे अनसुना करते हुए केवल स्कूल समय में ही तबदीली की।
घनी धुंध में दूर-दराज स्कूलों में कैसे जाएंगे टीचर्स
करीब साढ़े 3 बजे विभाग का समय में बदलाव बारे जो पत्र आया, उसने अध्यापकों ,विधार्थियाें के साथ उनके परिजनों की चिंता भी बढ़ा दी। अध्यापकों ने बताया कि कई टीचर्स दूर-दराज क्षेत्रों में ड्यूटी पर जाते हैं। घनी धुंध के चलते उन्हें अपने साधनों से ही स्कूल पहुंचना होगा जिससे रिस्क की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। बच्चों के पेरैंट्स ने भी मुख्यमंत्री भगवंत मान से मांग करते हुए कहा कि फिलहाल मौसम की स्थिति के मद्देनजर छुटि्टयां बढ़ाई जाएं। वहीं शिक्षा विभाग द्वारा जारी समय में बदलाव के आदेशों को लेकर डबल शिफ्ट स्कूलों को लेकर फिर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। इन स्कूलों के अध्यापकों का कहना है कि उनके स्कूल कब लगेंगे, इसके बारे विभाग ने फिर कुछ स्पष्ट नहीं किया है। ऐसे में विधार्थियों को किस समय स्कूल बुलाया जाए?
निजी स्कूलों के पेरैंट्स बोले- अभी नहीं भेजेंगे बच्चों को स्कूल
वहीं कई अनएडिड निजी स्कूल जिन्होंने सरकार के आदेशों पर ही विंटर वैकेशन घोषित की थी कि पेरैंट्स व अध्यापक भी शिक्षा विभाग के समय में बदलाव के आदेशों से खुश नहीं है। इन स्कूलों के अध्यापकों का कहना है कि बच्चों के लिए 10 बजे स्कूल लगने हैं तो उनको स्कूल प्रबंधक आधा घंटा पहले यानी साढ़े 9 बजे स्कूज बुलाएंगे जिसके लिए उनको घनी धुंध में सुबह 9 बजे घर से निकलना होगा जिससे कोई न कोई हादसा होने का डर बना रहता है। वहीं इन स्कूलों के पेरैंट्स भी अभी बच्चों को स्कूल भेजने को राज़ी नहीं हैं। पेरैंट्स के मुताबिक बसों में स्कूल जाने के लिए कई बच्चों को सुबह साढ़े 8 बजे घर से निकलना होगा और बसों के रूट के मुताबिक पौने 10 बजे तक बच्चे स्कूल पहुंच पाएंगे। ऐसे में निजी स्कूलों को अपने हिसाब से छुटि्टयां बढ़ा देनी चाहिएं। वैसे भी लुधियाना के कई नामी स्कूलों ने 31 दिसम्बर से ही अपने स्कूलों में छुटि्टयां की हैं।