छत्तीसगढ़राज्य

सड़क सुरक्षा जागरूकता एवं सुगम यातायात प्रबंधन में छत्तीसगढ़ राज्य के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर मिली सराहना

रायपुर : फेडेरेशन आॅफ इंडियन चेम्बर्स आॅफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री फिक्की द्वारा नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ प्रदेश में सड़क सुरक्षा जागरूकता तथा सुगम यातायात प्रबंधन के पहल एवं प्रयासों को विशेष रूप से सराहना गया। छत्तीसगढ़ में कक्षा पहली से दसवीं तक यातायात को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की पहल को भी कॉन्फ्रेंस में सराहा गया। कॉन्फ्रेंस में शामिल स्टेक होल्डर्स ने छत्तीसगढ़ में सड़क सुरक्षा के लिए कार्य करने की रूचि दिखाई और स्थानीय प्राधिकारियों से सम्पर्क कर इस क्षेत्र में कार्य शुरू करने का संकल्प लिया।

इस राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में संजय शर्मा अध्यक्ष अंतर्विभागीय लीड एजेंसी(सड़क सुरक्षा) को राज्यों द्वारा सड़क सुरक्षा पहल और कार्पाेरेट से अपेक्षाएं विषय पर उद्बोधन हेतु विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। कांन्फ्रेस के उद्घाटन सत्र में राज्यमंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार जनरल डॉ. वी.के सिंह जी ने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी स्टेक होल्डर्स एवं कापोर्रेट सेक्टर से भी सड़क दुर्घटनाओं में नियंत्रण के लिये समवेत प्रयास करने का अनुरोध किया। इस अवसर पर पूर्व गृह सचिव भारत सरकार जी.के.पिल्लई सहित अन्य वक्ताओं ने भी सडक सुरक्षा हेतु प्रभावी प्रयास के लिए संकल्प लेने का आग्रह किया।

कार्यशाला में विशिष्ट वक्ताओं द्वारा अवगत कराया गया की देश में लगभग पाच लाख सड़क दुर्घटनाओं में लगभग ड़ेढ लाख लोगों की मृत्यु होती है लगभग साढ़ेचार लाख व्यक्ति घायल होते है। मृत्यु एवं घायलों में 18 से 40 वर्ष की आयु के व्यक्तियों की होती है, जिन पर परिवार का दायित्व होता है। सड़क दुर्घटनाओं के कारण पुरा परिवार प्रभावित होता है। वक्ताओं ने कहा कि वाहन निमार्ताओं को एक मिनट में शून्य से 80 किलोमीटर की रफ्तार के विज्ञापनों के अलावा वाहन में सुरक्षा के उपायो की भी जानाकरी आवश्यक रूप से भी दी जानी चाहिए। उच्च शैक्षणिक संस्थाओं यथा आईआईटी रूडकी में सड़क सुरक्षा नवाचार की सराहना करते हुए समस्त शैक्षणिक संस्थाओं में यातायात के नियमों एवं सड़क सुरक्षा को नियमित व्यवहार में अंगीकृत करने हेतु पहल का अनुरोध किया गया। कॉन्फ्रेंस में वक्ताओं ने कहा कि देश में मात्र, 85 हजार यातायात पुलिस कर्मी प्रर्याप्त नही है। सड़क सुरक्षा के लिए इसमें वृद्धि की जानी चाहिए। 45 प्रतिशत सड़क दुर्घटना पीछे के टक्कर से हो रही है, जबकि 60 प्रतिशत की सड़क दुर्घटनाएं ओव्हर स्पिीडिंग की वजह से हो रही है। अच्छी सड़कों एवं समुचित सुरक्षा उपायों, सकेंतको से सड़क दुर्घटनाओं को कभी हद तक कम किया जा सकता है। पैदल यात्रियों की मृत्यु मे 21 प्रतिशत सड़क के बीच में घटित दुर्घटनाओं के कारण है। सड़क सुरक्षा जीवन का प्रमुख हिस्सा होना चाहिए।

वक्ताओं ने अधिक संख्या में कार्यरत कर्मियों वाले संस्थानो में व्यक्तिगत वाहनों के स्थान पर शटल वाहन को प्राथामिकता दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अनेक बड़े संस्थानों में रोड सेफटी मार्शल भी नियुक्त किये जाने लगे है। कॉन्फ्रेंस में डिफेन्सिव राईडर, टेक्निक ड्राइवर व वाहनों की फिटनेश, रोड रिस्क असेसमेंट, टेलिमेटिक्स ए.आई. के उपायोग के संबंध में भी चर्चा की गई। वाहन चालाको के लिए सारथी दिवस के आयोजन पर भी चर्चा की गई है विभिन्न प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने अपने राज्य में उपलब्ध संसाधनों के संबंध में अवगत कराते हुए उद्योग जगत से सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में सहभागिता हेतु अनुरोध किया गया। कान्फ्रेस के द्वितीय सत्र परिवहन आयुक्त उड़ीसा सहित छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश दिल्ली, उत्तरप्रदेश के प्रतिनिधियों द्वारा मंचीय उद्बोधन के क्रम में छत्तीसगढ़ राज्य में सड़क सुरक्षा के संबंध में किए जा रहे प्रयासों और नवाचारों का उल्लेख किया और इस क्षेत्र में कापोर्रेट की सहभागिता का आग्रह किया।

छत्तीसगढ़ राज्य में कक्षा पहली से दसवीं तक यातायात के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इस पहल को कांन्फ्रेस में सर्वाधिक सराहना प्राप्त हुई। विद्यालयों, शैक्षणिक संस्थान एवं प्रषिक्षण केन्द्र स्काउट एवं गाइड, एन.सी.सी., एन.ए.एस., को ”सड़क सुरक्षा मार्गदर्षिका झ्झ्वर्ष 2020 में 8,500 प्रतियों का वितरण किया गया है। यातायात जागरूकता को बढ़ावा देने हेतु ट्रैफिक क्विज का आयोजन किया गया जिसमें राज्य के 5000 से अधिक बच्चे सम्मिलित हुये विजेताओं को अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा ) के तरफ से नोटपैड एवं प्रमाण पत्र प्रदाय किया गया। इस वर्ष 2022 में अब तक मंत्रालय, विभागाध्यक्ष कार्यालयों एवं पुलिस मुख्यालय के लगभग 500 वाहन चालकों सहित स्कुल बस, हल्के तथा भारी वाहनों, जोखिम वाले वाहन चालको को आदि कुल 4500 से अधिक वाहन चालकों को प्क्ज्त् में सड़क सुरक्षा तथा सुगम एवं सुरक्षित यातायात प्रशिक्षण दिया जाकर अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा ) द्वारा रोड सेफ्टी एम्बेसेडर बैच एवं प्रमाण पत्र प्रदाय किया गया।

छत्तीसगढ़ में सोशल मीडिया, फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, यू टूयूब के माध्यम से यातायात जागरूकता संबंधी व्यापक प्रचार-प्रसार, साढ़े पांच लाख एन.सी.सी., एन.एस.एस., स्काउट्स गाइडस, कैडेटस, मितानीन, भारत माता वाहिनी के सदस्य महिलाओं को सड़क सुरक्षा, प्राथमिक उपचार तथा सुगम एवं सुरक्षित यातायात संबंधी प्रशिक्षण एवं यातायात प्रबंधन में सहभागिता की पहल के साथ ही राज्य उत्सव एवं सड़क सुरक्षा माह कार्यक्रम में व्यापक जनसहभागिता सुनिश्चित की गई है। यातायात संदर्शिका का प्रकाशन एवं शैक्षणिक संस्थानों में वितरण, सड़क सुरक्षा उपकरणों के प्रबंध, राज्य के समस्त भारी वाहन चालकों के लायसेंस नवीनीकरण के पूर्व अपरिहार्य प्रशिक्षण, लगभग 3,500 से अधिक वाहन चालकों को प्रशिक्षण दिए जाने के साथ ही नवीन सत्र में विद्यालय प्रारंभ होने के पूर्व समस्त स्कूल बसों की जांच तथा इनके चालकों को सड़क सुरक्षा तथा सुगम एवं सुरक्षित यातायात संबंधी प्रशिक्षण दिया गया है।

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