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शीतकालीन सत्र: कोरोना के नये वेरिएंट ‘ओमिक्रोन’ बढ़ी मुश्किल, PM मोदी ने कही ये बात

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर हमला किया है. उन्होंने कहा है कि मैं चाहता हूं कि संसद में सवाल भी हो और शांति भी. पीएम मोदी ने सोमवार को कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में देश हित में चर्चा हो और राष्ट्र की प्रगति के लिए रास्ते खोजे जाएं. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश में कोरोना के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के खतरे से सभी को सतर्क व सजग रहने का अनुरोध किया और कहा कि संकट की ऐसी घड़ी में देशवासियों का उत्तम स्वास्थ्य उनकी प्राथमिकता है.

आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार हर सवाल का जवाब देने को तैयार है, बशर्ते सदन में चर्चा हो. संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. सत्र की शुरूआत से पहले संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद में सवाल भी हों और शांति भी हो। हम चाहते हैं संसद में सरकार के खिलाफ, सरकार की नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए वह हो, लेकिन संसद की गरिमा व अध्यक्ष की गरिमा… इन सब दिशाओं में हम वह आचरण करें, जो आने वाले दिनों में युवा पीढ़ी के काम आए. सरकार हर विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार है.

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार खुली चर्चा करने के लिए तैयार है. सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद का यह सत्र और आगे आने वाले सत्र भी आजादी के दीवानों की भावनाओं के प्रति समर्पित हों. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव की जो भावना है, उसी भावना के अनुरूप संसद में देश हित में चर्चा हो. देश की प्रगति के लिए रास्ते खोजे जाएं, नए उपाय खोजे जाएं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए यह सत्र विचारों की समृद्धि वाला हो और प्रभाव पैदा करने वाला, सकारात्मक निर्णय वाला बने. उन्होंने कहा कि भविष्य में संसद की कार्यवाही का आकलन हो तो उसे, उसमें किसने कितना अच्छा योगदान दिया, उस तराजू पर तौला जाए ना कि इस तराजू पर तौला जाए कि किसने संसद सत्र को कितना बाधित किया. गौरतलब है कि इस साल संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक निर्धारित किया गया है.

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