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डेंगू से बचने के लिए घर पर तैयार करें इन पत्तो का जूस

नई दिल्ली : सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के अनुसार, डेंगू एक गंभीर बीमारी है। डेंगू के वायरस से संक्रमित एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से यह बीमारी लोगों में फैलती है। दुनिया की करीब आधी आबादी, लगभग 4 अरब लोग डेंगू के खतरे वाले क्षेत्रों में रहते हैं।

एक बार फिर भारत में डेंगू के मामले बढ़ रहें हैं। हालांकि कोई भी मच्छर जनित वायरल बीमारी का शिकार हो सकता है। डेंगू होने पर इसके लक्षण 3-14 दिनों तक रह सकते हैं। लेकिन प्राकृतिक घरेलू उपचार से इसके ठीक होने की प्रक्रिया को तेज किया जा सकता है। यहां कुछ आसानी से उपलब्ध घरेलू सामग्रियां दी गई हैं जो रिकवरी के दौरान काम आ सकती हैं।

पपीते के पत्तों को डेंगू संक्रमण से लड़ने के लिए सबसे अच्छे और सबसे प्रभावी प्राकृतिक उपचारों में से एक माना जाता है। इस घरेलू नुस्खे को बनाने के लिए पपीते के पत्तों को एक बाउल में धोकर काट लें और इसमें एक गिलास पानी डाल दें। पानी जैसा पेस्ट बनाने के लिए इसे दरदरा पीस लें। तैयार मिश्रण को छान कर पी लें। यह प्लेटलेट काउंट और आपकी इम्युनिटी को बढ़ाने में प्रभावी रूप से मदद कर सकता है।

मेथी में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीपायरेटिक गुण डेंगू बुखार को कम करने में मदद कर सकते हैं। खासकर मेथी के पत्तों का पानी डेंगु बुखार के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसे बनाने के लिए एक चम्मच मेथी के सूखे पत्ते को पानी में डालकर उबालें। उबालने के बाद मेथी के पानी को छान लें और चाय की तरह सेवन करें।

Pubmed के अनुसार, नीम के पत्ते रक्त प्लेटलेट्स और श्वेत रक्त कोशिका प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने का काम करते हैं। जो डेंगू बुखार के सबसे बुरे दुष्प्रभाव हैं। इस पौधे में निंबिन और निंबिडिन नामक रसायन होते हैं, जिनमें एंटी इंफ्लेमेंटरी, एंटी-पायरेटिक और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं। इसका सेवन करने के लिए एक कप पानी में नीम के पत्ते डालकर उबाल लें। इस पानी को छान लें और नीम का पानी गुनगुना हो जाए तो इसमें शहद मिला लें।

तुलसी की पत्तों में एंटीमाइक्रोबायल गुण होते हैं जो डेंगू वायरस को खत्म करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही इसके पत्तों का सेवन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को दूरुस्त करने का काम भी करता है। तुलसी के पत्तों को 2 ग्राम काली मिर्च के साथ उबालकर पीना डेंगू में सेहतमंद साबित हो सकता है।

जौ घास में ब्लड प्लेटलेट की संख्या में तेजी से वृध्दि करने की क्षमता होती है। क्योंकि डेंगू होने पर प्लेटलेट्स की संख्या में कमी एक चिंताजनक विषय है ऐसे में जौ घास का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। इसका सेवन आप सीधे तौर पर या चाय के रूप में कर सकते हैं।

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