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वीरेंद्र सहवाग ने दिखाई दरियादिली, ओडिशा ट्रेन हादसे के पीड़ित बच्चों की ऐसे करेंगे मदद

नई दिल्ली : ओडिशा में शुक्रवार शाम हुए रेल हादसे ने सबको हिला कर रख दिया है। यह भारत के इतिहास के सबसे बड़े रेल एक्सीडेंट में से एक है। इस हादसे में 275 लोगों के जान गंवाने के साथ हजारों लोगों के घायल होने की खबर है। ऐसे में हर कोई अपनी ओर से इस हादसे का शिकार हुए लोगों की मदद से लिए अपना हाथ आगे बढ़ा रहा है। इस कड़ी में भारतीय पूर्व सलामी बल्लेबाज ने भी इन पीड़ितों की मदद करने का फैसला किया है। सहवाग ने ऐलान किया है कि वह इस हादसे में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे। भारतीय पूर्व खिलाड़ी ने अपने स्कूल ‘सहवाग स्कूल के बोर्डिंग फैसिलिटी’ में उन बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का फैसला किया है।

सहवाग ने यह जानकारी ट्विटर पर दी। ओडिशा एक्सीडेंट की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए वीरू ने लिखा ‘यह फोटो हमें लंबे समय तक परेशान करेगी। दुख की इस घड़ी में मैं कम से कम इतना तो कर ही सकता हूं कि इस दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वालों के बच्चों की पढ़ाई का ध्यान रखूं। मैं ऐसे बच्चों को सहवाग स्कूल के बोर्डिंग फैसिलिटी में मुफ्त शिक्षा देने का ऑफर दे रहा हूं। सभी परिवारों के लिए प्रार्थना और उन सभी बहादुर पुरुषों और महिलाओं के लिए तालियों जो बचाव कार्यों में सबसे आगे रहे हैं, मेडिकल टीम और स्वयंसेवक जो स्वेच्छा से रक्तदान कर रहे हैं। हम इसमें साथ हैं।’

ऐसा पहली बार नहीं है जब सहवाग ने ये नेक कदम उठाया हो, इससे पहले 2019 में हुए पुलवामा अटैक के बाद भी उन्होंने शहीद हुए जवानों के बच्चों को यह ऑफर दिया था। बता दें, सहवाग से पहले अरबपति कारोबारी गौतम अडानी ने रविवार को ओडिशा में हुए रेल हादसे को बेहद विचलित करने वाला बताया और इस दुर्घटना में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को मुफ्त स्कूली शिक्षा देने की पेशकश की। गौतम अडानी ने एक ट्वीट मे कहा कि पीड़ितों और उनके परिवारों की मदद करना तथा बच्चों को बेहतर कल देना सभी की जिम्मेदारी है।

अडानी ने ट्वीट किया ‘ओडिशा की रेल दुर्घटना से हम सभी बेहद व्यथित हैं। हमने फैसला लिया है कि जिन मासूमों ने इस हादसे में अपने अभिभावकों को खोया है, उनकी स्कूली शिक्षा की जिम्मेदारी अडानी समूह उठाएगा। गौतम अडानी ने आगे लिखा कि पीड़ित, उनके परिजनों को संबल और बच्चों को बेहतर कल मिले यह हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है।’

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