चार राज्यों में बेहतर प्रदर्शन करने बसपा ने कमर कसी
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लखनऊ, (दस्तक ब्यूरो) बसपा अब यूपी के अलावा चार अन्य राज्यों में भी ताकत दिखाने जा रही है।
बसपा के अनुसार चार अन्य राज्यों में बसपा पूरी मजबूती से विधानसभा चुनावों में उतरेगी। लोकसभा चुनाव से पहले चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी बेहतर प्रदर्शन के लिए बसपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। केवल मिजोरम उससे दूर है।
सूबे के वरिष्ठ नेताओं को अन्य प्रदेशों में होने वाले विधानसभा चुनाव में लगाया जा रहा है, ताकि वे उत्तर प्रदेश की तरह उन राज्यों में भी पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के साथ ही अच्छे नतीजे दे सकें। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में जनाधार बढ़ाने की तमाम कोशिशों के बावजूद पार्टी इन राज्यों की विधानसभा में दो अंकों का अंक नहीं छू सकी है। इन राज्यों के 2008 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा की उत्तर प्रदेश में सरकार थी।
मुख्यमंत्री रहते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने इन राज्यों में कई सभाएं की थीं, फिर भी मध्य प्रदेश की सात, राजस्थान की छह तथा दिल्ली व छत्तीसगढ़ की दो-दो सीटों पर ही बसपा को जीत नसीब हुई थी। बसपा को दिल्ली में 14 फीसदी मत मिले थे, लेकिन अन्य राज्यों में 6-8 फीसदी मतों से ही संतोष करना पड़ा था।
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी कहते हैं कि बसपा के हाथ से उप्र की सत्ता भी जा चुकी है और निकट भविष्य में लोकसभा के चुनाव भी होने हैं, ऐसे में पार्टी इस चुनाव को बेहद गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी अभी भले ही इन राज्यों में से कहीं भी अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में न हो, लेकिन चुनाव में ताकत लगाकर उसकी कोशिश सभी राज्यों में दहाई अंक तक पहुंचने की है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो बसपा का मानना है कि अन्य राज्यों में बनने वाले माहौल से लोकसभा चुनाव में भी उसे फायदा होगा और इन राज्यों में खाता खुलने की प्रबल संभावना रहेगी। अभी पार्टी के २१ सांसदों में 20 तो उप्र से ही हैं, जबकि एक सांसद मध्य प्रदेश से है।