अन्तर्राष्ट्रीय

अमीरात एयरलाइंस ट्रम्प के कारण घटाएगी अमेरिका के लिए उड़ान भरने वाले विमानों की संख्‍या…

दुबई उन दस मुस्लिम बहुसंख्यक देशों में से एक है, जिसके यात्रियों को अमेरिका के लिए उड़ान भरने वाले विमानों में लैपटॉप और अन्य व्यक्तिगत इलेक्ट्रॉनिक्स चीजों को ले जाने पर प्रतिबंध

दुबई। मिडिल ईस्‍ट की सबसे बड़ी एयरलाइन अमीरात ने आज कहा कि वो अमेरिका के लिए अपनी उड़ानों में कटौती कर रही है। अमेरिका ने सुरक्षा के मद्देनजर कुछ कड़े नियम बनाए हैं, जिसके बाद मांग में काफी गिरावट आई है। ट्रंप सरकार कुछ मुस्लिम बहुसंख्यक देशों के लोगों को अमेरिका में आने से रोकने का प्रयास कर रही है, इसका एयरलाइन की मांग पर काफी प्रभाव पड़ा है। 

दुबई सरकार के स्वामित्व वाली एयरलाइन का ये फैसला अभी तक अमेरिका के विरोध में सबसे मजबूत संकेत है। दरअसल, ट्रंप सरकार के आने के बाद से मिडिल ईस्‍ट से अमेरिका जा रहे यात्रियों पर सुरक्षा के मद्देनजर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इससे तेजी से बढ़ रही खाड़ी एयरलाइन के व्‍यापार पर काफी प्रभाव पड़ा है। दुबई उन दस मुस्लिम बहुसंख्यक देशों में से एक है, जिसके यात्रियों को अमेरिका के लिए उड़ान भरने वाले विमानों में लैपटॉप और अन्य व्यक्तिगत इलेक्ट्रॉनिक्स चीजों को ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इससे लोगों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 

बता दें कि दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दुनिया का तीसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। यहां से कई यात्री अलग-अलग जगह के लिए विमान भी बदलते हैं। लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकारी आदेशों के बाद इस हवाई अड्डे पर काफी प्रभाव पड़ा है। खासकर, अस्थायी रूप से छह देशों के नागरिकों को प्रवेश को रोक लगाने के बाद से। 

अमीरात का कहना है कि वो जो कटौती करने जा रही है, उससे अमेरिका की पांच अलग-अलग जगहों के लिए उड़ान भरने वाली सेवाएं प्रभावित होंगी। यह कटौती अगले महीने से शुरू हो जाएगी। अभी तक अमीरात एयरलाइन के विमान अमेरिका में 12 अलग-अलग जगहों के लिए उड़ान भरते हैं। उन्‍होंने कहा, ‘लोगों को कुछ जरूरी सामान अमेरिका ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मुस्लिम लोगों को अमेरिका का वीजा भी बहुत मुश्किलों के बाद मिल रहा है। ऐसे में लोगों की अमेरिका जाने की रुचि कम हो रही है।’ एयरलाइन का कहना है कि अगले महीने से दुबई से अमेरिका के अलग-अलग स्‍थानों के लिए सिर्फ 101 विमान उड़ान भरेंगे। इससे पहले यह संख्‍या 126 थी। 

 

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