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अमेरिका ने इंडो-पैसिफिक नाम से बनाया नया सैन्य कमान, भारत का बढ़ता कदम

वाशिंगटन : अमेरिका ने सबसे बड़े सैन्य कमान पैसिफिक कमान का नाम बदलकर इंडो-पैसिफिक कमान कर दिया है। अमेरिका के लिए भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाने वाला यह सांकेतिक कदम है। अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच नाम बदलने का कदम उठाया है। 2016 में अमेरिका और भारत ने मरम्मत और सामान आपूर्ति के लिए एक दूसरे के अड्डों के इस्तेमाल का समझौता कर अपने सैन्य संबंधों को मजबूत किया था। अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने आज कहा कि हिंद और प्रशांत महासागर में बढ़ते कनेक्टिविटी को देखते हुए हम यूएस पैसिफिक कमान का नाम यूएस इंडो-पैसिफिक कमान रख रहे हैं। यह हमारा मुख्य लड़ाकू कमान है जिसके तहत करीब आधी दुनिया आती है। इसमें भिन्न-भिन्न आबादी शामिल हैं। यह हॉलीवुड से बॉलीवुड और ध्रुवीय भालू से लेकर पेंग्विन तक फैला है। उन्होंने कहा कि प्रशांत अैर हिंद महासागर के साझेदारों के साथ संबंध क्षेत्रीय स्थिरता कायम करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। मैटिस हवाई स्थित पैसिफिक कमान मुख्यालय में कमान नेतृत्व परिवर्तन के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। एडमिरल फिल डेविडसन ने एडमिरल हैरी हैरिस से कमान का दायित्व संभाला।
हैरिस को दक्षिण कोरिया में अमेरिकी राजदूत बनाया गया है। भारत समेत प्रशांत क्षेत्र में निगरानी के लिए पैसिफिक कमान में 375,000 सैन्य और असैन्य कर्मी शामिल हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूएस पैसिफिक कमान या पैकोम का गठन किया गया था। कमान के नाम में बदलाव भारत के बढ़ते सैन्य महत्व को दर्शाता है। चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है। जबकि अमेरिका क्षेत्र में चीन पर नियंत्रण लगाने का प्रयास कर रहा है।

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