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अरुण जेटली से जानिए जीएसटी में देरी की वजह के दूसरे कारण

97885-arun-jaitley-00नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के संसद के चालू सत्र में पारित नहीं होने की संभावना की ओर संकेत करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि विधेयक में देरी दूसरे कारणों की वजह से कराई जा रही है।

 जेटली ने कहा कि सरकार बुधवार को समाप्त हो रहे शीतकालीन सत्र के आखिरी तीन दिन में राज्य सभा में सुधार संबंधी अन्य विधेयकों को आगे बढ़ाएगी। इन विधेयकों में मध्यस्थता एवं आपसी सहमति अधिनियम में संशोधन शामिल है जो वाणिज्यिक अदालतों और दिवालियापन से जुड़ी संहिता के गठन से जुड़ा है।

उद्योग मंडल फिक्की की 88वीं सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा ‘मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि जीएसटी में देरी पूरी तरह से किसी और वजह से कराई जा रही है। मेरे विचार से यह दूसरी वजह सिर्फ यह है कि यदि हम नहीं कर सके तो दूसरे को ऐसा क्यों करना चाहिए?’

जेटली ने कहा कि राजनीति देश के व्यापक हित के आड़े नहीं आनी चाहिए। सरकार के लिए कांग्रेस पार्टी की इस मांग को मानना संभव नहीं होगा कि जीएसटी शुल्क दर का प्रावधान संविधान में ही किया जाए।

उन्होंने कहा, ‘देर से आया जीएसटी, दोषपूर्ण जीएसटी के मुकाबले बेहतर होगा।’ जीएसटी विधेयक राज्य सभा में अटका है जहां सत्तारूढ़ राजग (एनडीए) सरकार के पास बहुमत नहीं है और कांग्रेस पार्टी इसका जोरदार ढंग से विरोध कर रही है। सरकार ने एक अप्रैल 2016 से जीएसटी लागू करने की योजना बनाई थी।

इस विधेयक को स्वतंत्रता के बाद से अब तक अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में सुधारों का सबसे बड़ी पहला माना जा रहा है और शीतकालीन सत्र के बाकी बचे तीन दिनों में इसके पारित होने की संभावना नहीं लगती।

लोकसभा ने वाणिज्यिक अदालतें, उच्च न्यायालयों में वाणिज्यिक प्रभाग एवं वाणिज्यिक अपीलीय प्रभाग विधेयक और मध्यस्थता एवं सुलह-सफाई (संशोधन विधेयक) को पारित कर दिया है। इन विधेयकों को राज्य सभा में अगले सप्ताह आगे बढ़ाया जा सकता है।

 

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