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आरबीआई की नई मॉनेटरी पॉलिसी, अब नहीं कम होगी आपकी EMI, ये है वजह

बुधवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की सेंट्रल मॉनेटरी कमेटी मौद्रिक नीति की समीक्षा करेगा जिसमें रेपो रेट में कमी करने का ऐलान किया जा सकता है।  हालांकि इसकी संभावना काफी कम इसलिए है, क्योंकि महंगाई दर अपने उच्च स्तर पर है। सरकार आरबीआई पर लगातार ब्याज दरें कम करने का दबाव बना रही है। 
महंगाई दर बढ़ना बना बड़ी वजह
अगस्त में थोक और रिटेल महंगाई दर में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली थी। पिछले दो महीने में इसमें 190 बेसिस पाइंट का इजाफा हुआ है। जीएसटी के लागू होने के बाद अक्टूबर से सभी तरह की उपभोक्ता वस्तुओं के दाम भी काफी बढ़ गए हैं, जिससे अभी महंगाई दर और बढ़ सकती है।

एचडीएफसी बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट अभीक बरूआ ने amarujala.com से बात करते हुए कहा कि आरबीआई फिलहाल अपनी अक्टूबर पॉलिसी में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं करेगा।आरबीआई वेट एंड वॉच की पॉलिसी पर कायम रहेगा।

आरबीआई जीडीपी में ग्रोथ के लिए सरकार की ओर ही नजरें रखेगा और आगे चलकर जब महंगाई दर में कमी होगी तब रेपो रेट घटाने पर विचार किया जा सकता है।

सबसे कम है रेपो रेट
इस वक्त आरबीआई की तरफ से रेपो रेट 6 फीसदी है, जिसमें सेंट्रल बैंक ने 2 अगस्त को 25 बेसिस पाइंट की कटौती की थी। यह कमी बैंक ने 10 माह बाद की थी। तब सेंट्रल बैंक ने देश भर की बैंकों से कहा था कि वो अपने-अपने इंटरेस्ट रेट को घटाये, जिसका लाभ आम जनता को मिले। अभी देश में रेपो रेट सबसे न्यूनतम स्तर पर है।  

आरबीआई रेपो रेट घटाने के इच्छुक नहीं
जीडीपी के कमजोर आंकड़ों की वजह से आरबीआई फिलहाल रेपो रेट घटाने पर विचार नहीं कर रहा है। इकोनॉमिक एक्सपर्ट के मुताबिक, आरबीआई फिलहाल इनमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं करेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि देश भर के बैंकों ने अपने इंटरेस्ट रेट को कम नहीं किया है, जिसकी वजह से आपकी ईएमआई पर किसी तरह का कोई असर देखने को नहीं मिलेगा।

रेपो रेट घटाने के बाद आरबीआई कई बार सरकार और बैंकों से आग्रह कर चुका है कि वो इसका फायदा कंज्यूमर तक पहुंचाए। सरकार अपनी तरफ से अगर बैंकों पर दबाव बढ़ाए तो फिर इंटरेस्ट रेट गिरने का फायदा सभी वर्गों को मिलेगा। 

 
 

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