जीवनशैली

इन 5 वजहों से महिलाओं में बढ़ रहा है बांझपन का खतरा

हर महिला के जीवन में सबसे बड़ा सुख उसका मां बनना होता है. आज पूरा देश नेशनल सेफ मदरहुड डे मना रहा है. यह दिन हर साल 11 अप्रैल को मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं आधुनिक जीवनशैली और कई अन्‍य कारणों की वजह से आज महिलाएं सबसे ज्यादा बांझपन (इनफर्टिलिटी) की समस्‍या से परेशान हैं. आइए आज इस खास मौके पर मैक्स वैशाली हॉस्पिटल की डॉक्टर बबीता अरोड़ा से जानते हैं क्या होती है इनफर्टिलिटी और कैसे महिलाएं इस समस्या से निजात पा सकती हैं.

क्या होती है महिला इनफर्टिलिटी

इनफर्टिलिटी वह स्थिति है जिसमें महिलाओं को गर्भधारण करने में परेशानी होती है. बता दें, यदि कोई महिला लगातार प्रयास करने के बावजूद एक साल से ज्यादा समय तक कंसीव नहीं कर पाती है तो वो बांझपन की शिकार हो सकती है.

बांझपन का कारण

बांझपन का कोई एक कारण नहीं होता बल्कि कई बार खाने से जुड़ा कोई रोग या एन्‍डोमीट्रीओसिस (महिलाओं से संबंधित बीमारी जिसमें पीरियड्स और सेक्स के दौरान महिला को दर्द होता है) भी बांझपन की वजह बन सकता है.

– इसके अलावा तनाव भी महिलाओं में बांझपन का प्रमुख कारण बन जाता है.

-महिलाओं के शरीर में हार्मोनल असंतुलन होने की वजह से भी महिला इनफर्टिलिटी की शिकार हो जाती है. इस अवस्था में शरीर में सामान्‍य हार्मोनल परिवर्तन ना हो पाने की वजह से अंडाशय से अंडे नहीं निकल पाते हैं.

-पीसीओएस की वजह से भी आज अधिकतर महिलाएं बांझपन का शिकार हो रही हैं. इस बीमारी में फैलोपियन ट्यूब में सिस्‍ट बन जाते हैं जिसके कारण महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती हैं.

-आज बांझपन की सबसे बड़ी वजह शादियों का देरी से होना भी माना जाता है. आज महिलाएं शादी करने से पहले अपना करियर बनाना चाहती हैं. इसकी वजह से वो देरी से शादी करती हैं. बता दें, महिलाओं की ओवरी 40 वर्ष की आयु के बाद काम करना बंद कर देती है. अगर इस उम्र से पहले किसी महिला की ओवरी काम करना बंद कर देती है तो इसकी वजह कोई बीमारी, सर्जरी, कीमोथेरेपी या रेडिएशन हो सकती है.

-इसके अलावा मोटापा और जंक फूड भी महिलाओं में बांझपन का कारण बन रहा हैं.

बांझपन से बचने के उपाय

डॉक्टर बबीता के अनुसार महिलाओं को बांझपन से बचने के लिए सबसे पहले अपनी जीवनशैली में सुधार करना चाहिए. डॉक्टर से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि जहां तक सेहत और खानपान से जुड़े सवाल हैं, वेस्टर्न कल्चर भारतीयों महिलाओं के लिए नहीं बना है. उन्होंने महिलाओं को कई ऐसे सुझाव दिए जिन्हें अपनाकर महिलाएं इनफर्टिलिटी से बच सकती हैं.

– डॉक्टर बबीता इनफर्टिलिटी से बचने के लिए सबसे पहले महिलाओं को संतुलित आहार लेने का सुझाव देती हैं. डॉक्टर बताती हैं कि आहार में महिलाओं को जस्ता, नाइट्रिक ऑक्साइड और विटामिन सी और विटामिन ई जैसे पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए.

-दूसरा महिलाओं को अपने आहार में मौसम के सभी ताजी फल-सब्जियां शामिल करनी चाहिए. इसके अलाव बादाम, खजूर, अंजीर जैसे सूखे-मेवे खाने से भी लाभ मिलता है.

-तीसरा डॉक्टर बताती हैं कि सूरजमुखी के बीज, संतरे का ताजा जूस और डाइट में दही शामिल करने से भी फर्टिलिटी में सुधार होता है.

-फर्टिलिटी में सुधार लाने के लिए महिलाओं को अपने आहार में दालचीनी जरूर शामिल करनी चाहिए.

– इसके अलावा महिलाओं को अपनी दिनचर्या में वाटर इन्टेक भी बढ़ना चाहिए.

इनफर्टिलिटी से बचने के लिए इन चीजों से बनाएं दूरी

-धूम्रपान और शराब बांझपन का प्रमुख कारण हैं इसलिए इन दोनों ही चीजों से दूरी बनाए रखें.

– दूसरा तैलीय भोजन के साथ सफेद ब्रैड खाने से भी बचें.

-प्रिजर्वेटिव्स फूड, कैफीन और मांस का सेवन कम से कम करें. इसके अलावा तली और मीठी चीजों से भी परहेज करें.

-कोल्‍ड ड्रिंक,कॉफी और चाय का भी आपकी फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ सकता है.

-इसके अलावा वजन के ज्यादा बढ़ना या घटने से भी महिलाएं इनफर्टिलिटी से जूझ रही हैं.

– आधुनिक युग में बांझपन का सबसे बड़ा कारण तनाव माना जाता है. तनाव से दूर रहकर बांझपन की समस्‍या से बचा जा सकता है. इससे बचने के लिए आप रोजाना सुबह प्राणायाम कर सकती हैं.

कंसीव नहीं कर पा रहे हैं तो करवाएं ये जांच

अगर कोई महिला लंबे समय से कंसीव नहीं कर पा रही है तो उसे डॉक्टर से सलाह लेने के बाद अपनी ये जांच करवा लेनी चाहिए.

ओव्यूलेशन टेस्ट

हार्मोनल टेस्‍ट

हिस्टेरोसल पिंगोग्राफी

ओवेरियन रिजर्वटेस्ट:

थायरौयड और पिट्यूटरी हार्मोन की जांच

इमेजिंग टेस्ट

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