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उत्तर प्रदेश में कोरोना के चार नए मामले, कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों की संख्या 42

लखनऊ : कोरोना का कहर दुनिया में तबाही मचा रहा है, अभी तक कोरोना को खत्म करने का कोई उपाय नहीं मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बीच कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश में गुरुवार को चार नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई। केजीएमयू के आइसोलेशन वॉर्ड के प्रवक्ता डॉ. सुधीर मिश्रा के अनुसार ‘जिन चार नए मरीजों की पुष्टि हुई है, उनमें एक 21 साल की महिला है, महिला के पैरंट्स पहले ही पॉजिटिव पाए गए थे। दूसरा पॉजिटिव पेशंट एक 32 साल का युवक है, जिसकी ट्रैवल हिस्ट्री दुबई की है।’ उन्होंने बताया कि इसके अलावा 33 साल की एक महिला और 39 साल का एक व्यक्ति भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इसी के साथ प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 42 हो गई है। वहीं जम्मू-कश्मीर में कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज की श्रीनगर के अस्पताल में मौत हो गई। 65 साल के इस मरीज को संक्रमण के बाद श्रीनगर के सीडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गुरुवार को इस मरीज की मौत के बाद राज्य के प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने मीडिया से इसकी पुष्टि की है। जम्मू-कश्मीर में अब तक कोरोना से संक्रमण के कुल 11 मामले सामने आ चुके हैं। स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ भारतीय सेना की टीमों ने भी इस महामारी को रोकने के लिए यहां तमाम अभियान चलाए हैं।

कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों की जांच के बाद भारत में अब तक 600 से अधिक लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इसमें से 43 विदेशी हैं। 40 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं, 13 लोगों की मौत भी हो चुकी है। देश में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र में देखने को मिला है, जहां अब तक कुल 125 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा केरल में भी 101 मरीजों में कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। अखबार से नहीं फैलता कोरोना वायरस : अखबारों के जरिए कोरोना वायरस (कोविड-19) नहीं फैलता। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार गाइडलाइंस के अनुसार अखबार जैसी चीजें लेना सुरक्षित है। मॉर्डन प्रिंटिंग तकनीक पूरी तरह ऑटोमेटेड है। व्यावसायिक सामान के दूषित होने की संभावना कम है। इसमें हाथों का इस्तेमाल नहीं होता। अखबार बांटने वाली हॉकर सप्लाई चेन पूरी तरह सैनिटाइज्ड होती है। इसके अलावा एक प्रमुख कारण यह भी है कि जो वस्तु तरल पदार्थ सोखती है उसमें कोरोना वायरस नहीं पहुंच पाता। तो तरल पदार्थ नहीं सोख सकते जैसे—प्लास्टिक, पेन, मोबाइल, कम्प्यूटर आदि से फैलने की आशंका अधिक रहती है।

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