दस्तक-विशेष

एनएचपीसी राजभाषा कीर्ति पुरस्कार से सम्मानित

Captureभारत सरकार द्वारा राजभाषा कार्यान्वयन के लिए स्थापित नई पुरस्कार योजना “राजभाषा कीर्ति पुरस्कार” वर्ष 2014-15 के लिए ‘क’ क्षेत्र में स्थित सार्वजनिक उपक्रमों के बीच सर्वोत्कृष्ट राजभाषा कार्यान्वयन के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार राजभाषा कार्यान्वयन के क्षेत्र में सरकार द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। यह पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति महोदय श्री प्रणब मुखर्जी जी ने श्री आर.एस.टी. शाई, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी ने आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में ग्रहण किया।
इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू एवं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हरीभाई पारथीभाई चौधरी भी उपस्थित थे। इससे पूर्व भी इंदिरा गांधी राजभाषा शील्ड के अंतर्गत सार्वजनिक उपक्रमों के बीच उत्कृष्ट राजभाषा कार्यान्वयन के लिए एनएचपीसी को वर्ष 2008-09, 2009-10, 2011-12 के लिए प्रथम पुरस्कार तथा वर्ष 2010-11 एवं 2012-13 के लिए द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। एनएचपीसी ने जल विद्युत उत्पादन और विकास के साथ-साथ राजभाषा हिन्दी के क्षेत्र में भी गुणात्मक प्रगति की है। राजभाषा कार्यान्वयन के क्षेत्र में एनएचपीसी की उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए इसे अन्य अनेक राष्ट्रीय स्तर के राजभाषा पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।

नोएडा स्थित इंडियन ऑयल (पाइपलाइन्स) मुख्यालय पर एक सितंबर को इंडियन ऑयल डे मनाया गया। इस मौके पर कंपनी के डायरेक्टर (पाइपलाइन्स) अनिश अग्रवाल ने सभी कर्मचारियों से कहा कि भविष्य में हम अपने मुख्य बिजनेस में अपनी लीडरशिप को कायम रख सकें, इसके लिए परिचालन और बेहतर करना होगा और हमें लगातार अपना सहयोग देना होगा।
हमारा उद्देश्य प्रोफेशनल क्षेत्र में बेहतरी करने का है। कर्मचारियों के योगदान के महत्व को बताते हुए अग्रवाल ने कहा कि कंपनी की सफलता में इनका उल्लेखनीय योगदान है। उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा कि हम इस प्रतियोगितात्मक मार्केट में हर चुनौतियों को मात देते हुए सफलता की ऊपरी मंजिल पर कायम रहेंगे। नोएडा स्थित कंपनी के पाइपलाइंस डिविजन मुख्यालय पर कैजुअल और कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले मजदूरों के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और आईसीआईसीआई बैंक के साथ एक सितंबर को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना पर एक अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस मौके पर इंडियन ऑयल ने बैंक के अधिकारियों के साथ चर्चा की जिसमें श्रमिकों को ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ का कवरेज मिल सके।

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया (पीजीसीआई) ने बताया कि उसे 2016-17 में बॉन्ड जारी कर अधिकतम 14,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है। यह राशि घरेलू या विदेशी बाजारों में सुरक्षित या असुरक्षित गैर परिवर्तनीय बॉन्ड से जुटाई जा सकेगी. बॉन्ड रुपये मूल्य का होगा। कंपनी अधिकतम आठ किस्तों में राशि जुटाएगी और प्रत्येक किस्त में अधिकतम 2,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किए जा सकेंगे। बयान के मुताबिक कंपनी के शेयरधारकों ने कंपनी की ऋण सीमा भी वर्तमान 1,30,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,50,000 करोड़ रुपये कर दी।

लक्ष्य से आगे निकल सकती है एनटीपीसी

सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी, 12वीं पंचवर्षीय योजना में उत्पादन क्षमता में वृद्धि के लिए सरकार द्वारा दिए गए लक्ष्य से आगे निकल सकती है। सरकार ने कंपनी को 12वीं पंचवर्षीय योजना में 11,920 मेगावाट क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य दिया है। एनटीपीसी के सीएमडी ए.के. झा ने शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, कंपनी ने 12वीं योजना में अब तक एकल सबसे बड़ी तापीय क्षमता वृद्धि (8455 मेगावाट) हासिल की है और यह सरकार द्वारा दिए गए 11,920 मेगावाट के लक्ष्य से ऊपर निकल जाने की दिशा में बढ़ रही है।

एलआईसी ने पूरे किये अपने 59 वर्ष

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने एक सितम्बर को अपना 59वां स्थापना वर्ष मनाया। जनता के पैसे से जनता के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाओं के तहत उनके भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए कई योजनाओं को प्रारूप दिया। आज विभिन्न निजी बीमा कम्पनियोंं के निवेश के बावजूद सबसे ज्यादा बाजार में हिस्सेदारी एलआईसी की है और लगभग 30 करोड़ से अधिक चालू सम्पत्तियां व पॉलिसियां हैं। जिसमें 1824194.95 करोड़ का लाइफ फंड है। 20 लाख करोड़ से बढ़कर 78302.64 करोड़ की परिसम्पत्ति से बाजार में 69.21 प्रतिशत हिस्सेदारी है। पेंशन तथा ग्रुप स्कीमों में पारंपरिक पी.एंड.जी.एस. बिजनेस के अंतर्गत 316.74 लाख नई जीवन बीमा पॉलिसियां की गईं। जबकि 205.97 लाख लोगों को सामाजिक सुरक्षा के अधीन लाया गया। वर्ष 2014-15 में 90458.16 करोड़ रुपये की राशि के कुल 232.32 लाख दावों को निपटाया गया। 99.51 प्रतिशत मृत्यु दावों तथा 99.78 प्रतिशत परिपक्वता दावों को भी निपटाया गया। एलआईसी का इस उद्योग में श्रेष्ठ दावा अनुपात है।
एलआईसी द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी को शतप्रतिशत बढ़ावा दिया गया। विशाल संग्रहण केन्द्र के रूप में 35634 आउटलेट्स कार्यरत हैं। गत वर्ष 17 करोड़ से अधिक पॉलिसियां संग्रहण की गई। ईकेवाईसी के आधार पर सभी ग्राहकों की पॉलिसी लिंक की गई। हर सूचना ग्राहकों तक पहुंचे ऐसी योजनाओं को लागू किया गया। वर्ष 2006 के गोल्डन जुबली फॉउंडेशन वर्ष में एलआईसी ने गरीबी व तंगहाली से जी रहे लोगों के जीवन को सुदृढ़ बनाने व उनकी शिक्षा व स्वास्थ्य के दायित्व का निर्वाह करते हुए अन्य उपयोगी सुविधाएं प्रदान करना एलआईसी का कर्तव्य रहा है। स्नातक छात्रों, अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति योजना दी जाती है।13 देशों में इसका परिचालन है। 42 विभिन्न पुरस्कारों से इसे सम्मानित किया जा चुका है। एलआईसी को ब्रान्ड फंडिग के तहत सबसे उपयुक्त स्थान मिला है। इसे वल्र्ड ब्रांडिंग फोरम द्वारा ‘ब्रांड ऑफ द ईयर 2015-16 चुना गया। सामाजिक लाभ हेतु 31 मार्च 2015 तक 1946249 रुपये खर्च किए गए। कम्पनी भारत सरकार द्वारा स्थापित नियम कानून के तहत सफलता से कार्य कर रही है।

भारत में डिजिटल इंडिया कैंपेन की धमाकेदार शुरुआत हो चुकी है। जल्द ही देश में तैयार किया गया बॉस नामक ऑपरेटिंग सिस्टम कदम रखने को तैयार है। सरकार इसे विंडोज की जगह इस्तेमाल करने का मन बना रही है। सी-डैक पुणे में तैयार किए गए इस ओएस का पूरा नाम भारत ऑपरेटिंग सिस्टम सलूशन्स है और यह विंडोज से बेहतर बताया जा रहा है। यह पूरी तरह हैकिंग प्रूफ होगा।
यह ऑपरेटिंग सिस्टम लेनक्स पर भी काम करेगा। इसके विकास में गुजरात टेक्निकल यूनिवर्सिटी, डीआरडीओ और कई अन्य निजी कंपनियों का भी हाथ है। यह फ्री ओपन सोसर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है, ताकि देश के ज्यादा से ज्यादा लोग इसे इस्तेमाल कर सकें। आप इसे बॉस की साइट पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें यूनिकोड 7 की सुविधा दी गई है, जिससे अंग्रेजी की जानकारी न रखने वाला व्यक्ति भी उपयोग कर सकता है। सी-डैक ने इसमें ओकरा स्क्रीन रीडर, ई-स्पीक और मैग्निफ़ायर जैसे अडिशनल फीचर्स भी दिए गए हैं। इनकी मदद से नेत्रहीन भी इसका उपयोग कर सकेंगे। साथ ही भारतीय बॉस इंटेल के 32 बिट व 64 बिट आर्किटेक्चर के साथ 3डी डेस्कटॉप को भी सपॉर्ट करता है। भारत की सेना भी इसके सिक्यॉरिटी फीचर्स को भेदने में नाकाम रही। सरकार अगले महीने इस ऑपरेटिंग सिस्टम का एक और वर्जन लॉन्च करेगी जिसे इडीयू बोस नाम दिया गया है। यह ओएस खास तौर पर स्टूडेंट्स और टीचर्स के लिए बनाया गया है। इसमें प्राइमरी, सेकंडरी और हायर लेवल के स्टूडेंट्स के लिए एजुकेशन से संबन्धित बहुत से ऐप्लिकेशन्स को शामिल किया गया है। बॉस के लेटेस्ट ओएस का कोड नेम अनूप है और इसके पहले वाले वर्जन का नाम अनोखा रखा गया था।

मेमोरी खुद बढ़ा लेता है स्मार्टफोन रॉबिन

एप्पल, गूगल और एचटीसी से निकले लोगों की टीम नेक्स्टबिट नाम की मोबाइल कम्पनी बनाकर अपना पहला ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन रॉबिन लॉन्च किया है। यह स्मार्टफोन आपकी जरूरत के मुताबिक अपनी स्टोरेज को बड़ा कर सकता है। इस डिवाइस में फ्लैगशिप स्तर के स्पेसिफिकेशन्स हैं और इसे एक किकस्टार्टर कैम्पेन के तहत बेचा जाएगा। रॉबिन सीमित स्टोरेज से यूजर्स को निजात दिलाता है। नेकस्टबिट ने इस समस्या के क्लाउड स्टोरेज से जोड़कर एक समाधान निकाला है। कंपनी इस स्मार्टफोन के हर यूजर को 100 जीबी प्राइवेट स्टोरेज बॉक्स देगी जिसमें फोन की मेमोरी भरने की स्थिति में यूजर के फोटो और दूसरा डेटा खुद ब खुद स्टोर हो जाएगा। जब डिवाइस वाई-फाई नेटवर्क से जुड़ा होगा और चार्ज पर होगा तो आपका डिवाइस खुद आपका डेटा क्लाउड पर मूव कर देगा। रॉबिन में 5.2 इंच का फुल एचडी डिस्प्ले है जिसपर फंकी प्लास्टिक बॉडी दी गई है। कम्पनी ने बताया कि रॉबिन पूरी तरह से कैरियर अनलॉक्ड फोन है। इसका बूटलोडर भी अनलॉक्ड है जिसका मतलब आप इसपर अपना पसंदीदा कस्टम ऐंड्ऱॉयड रोम इन्स्टॉल कर सकते हैं।

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