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एसईसीएल सुराकछार से कोयला चोरी फिर शुरू, पुलिस सिर्फ भ्रमण कर लौट जाती है वापस

कोरबा: सुराकछार साइडिंग से कोयला चोरी का सिलसिला पुन: शुरू हो गया। बोरी में भर कर कोयला निकाल दूर एकत्र किया जा रहा है और एक ट्रक होने पर बेच दिया जा रहा है। एसईसीएल प्रबंधन अब तक बांकीमोंगरा थाने में सात लिखित शिकायत कर चुकी है। पुलिस केवल खानापूर्ति के लिए मामला पंजीबद्घ तो किया है, पर आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं की गई। इस वजह से तस्करों के हौसले बुलंद है। खदान के डंपिंग यार्ड एवं रेलवे साइडिंग से कोयला चोरी का सिलसिला पहले भी काफी चल रहा था, पर पुलिस की कड़ाई के बाद काम बंद हो गया था। बताया जा रहा है कि जब से चुनाव आचार संहिता लागू हुई है, उसके बाद कोयला चोरी का सिलसिला पुन: शुरू हो गया है। एसईसीएल के सुराकछार रेलवे साइडिंग में बगदेवा, ढेलवाडीह, बल्गी तथा सिंघाली का कोयला लेकर स्टाक किया जाता है और मालगाड़़ी में भरकर अन्यत्र भेजा जाता है। इसका फायदा क्षेत्र के लोग उठाने लगे हैं। जानकारों का कहना है कि रोजाना रात में सौ से भी ज्यादा लोग बोरी लेकर साइडिंग पहुंचते हैं और कोयला भरते हैं। प्रत्येक व्यक्ति तीन.चार बोरी कोयला भरकर साइकिल में रख रवाना हो जाते हैं। साइडिंग क्षेत्र से दूर सूनसान इलाके में बोरी समेत कोयला रख देते हैं और पुन: खदान से कोयला निकालते हैं। सुबह चार बजे तक यह सिलसिला लगातार जारी रहता है, इसके बाद बंद कर दिया जाता है। तीन.चार दिन में ही एक ट्रक से ज्यादा कोयला एकत्र हो जाता है। तब उक्त कोयले को ट्रक में भरकर एजेंट द्वारा बाहर भेज दिया जाता है। इसके एवज में कोयला निकालने वालों को निर्धारित राशि थमा दी जाती है। ऐसा नही है कि एसईसीएल द्वारा सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं किए हैं। कोयला निकालने वालों की संख्या काफी अधिक होने की वजह से सुरक्षा कर्मी भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। सुराकछार प्रबंधन ने बांकी पुलिस में नामजद सूचना भी दी है, पर पुलिस सिर्फ साइडिंग का भ्रमण कर वापस लौट जाती है। जानकारी के अनुसार कटघोरा जेल ब्रेक कांड का प्रमुख आरोपी हीरा पटेल कोयला तस्करों का सरगना है। डकैती के मामले में पहले भी इस आरोपी के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। थानों में दर्जनों मामले उसके खिलाफ दर्ज है। एसईसीएल प्रबंधन ने 7 अक्टूबर को बांकीमोंगरा थाने में कोयला चोरी की लिखित शिकायत कर हीरा पटेल, सलीम, खेम पटेल व रिजवान का नाम बताया था। पुलिस ने केवल चोरी का मामला पंजीबद्घ कर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली। कोयला चोरी होने की वजह से एसईसीएल को लाखों रुपए की राजस्व क्षति उठानी पड़ रही है। बावजूद एसईसीएल कोयला चोरी रोकने ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। अफसरों का कहना है कि मामले की शिकायत कई बार हो चुकी है, पर अभी तक कार्रवाई नहीं होने की वजह से चोरों के हौसले बुलंद है और कंपनी के नुकसान झेलना पड़ रहा है।

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