100 किमी दूर ओडिशा के लोहनीपाड़ा थाना क्षेत्र के कुईड़ा से गुरुवार की शाम सुसाइड करने मनोहरपुर आई एक महिला और दो युवकों की गुत्थी सुलझ गई है। तीनों सुसाइड के इरादे से ही मनोहरपुर आए थे। इसकी प्रमुख वजह कोरोना के कारण रोजगार का अभाव, कर्ज व डिप्रेशन बताया गया। इस बात की पुष्टि लापता युवक अभिजीत देहुरी के शनिवार की रात थाना आने पर थाना प्रभारी अमित कुमार द्वारा पूछताछ के बाद हुई। तीनों ने सुसाइड से पहले नए कपड़े भी खरीदे थे।
दरअसल, महिला चीना रानी सेठ (46) उसका बेटा मनोज सेठ (24) और भतीजा अभिजीत कुमार देहुरी (19) नदी में कूद अपनी जान देने की कोशिश की थी। पर रानी सेठ और मनोज द्वारा चिल्लाने पर नदी के पास नहा रहे एक युवक ने उन्हें बचा लिया था। इस दौरान अभिजीत कुमार देहुरी तैराक होने की वजह से खुद तैर कर बाहर निकल गया और वापस कुईड़ा चला गया।
पुलिस द्वारा पूछताछ से खुलासा हुआ कि मनोज सेठ और अभिजीत देहुरी दोनों कुईड़ा में एक प्लांट में काम करते थे। पर कोरोना की वजह से दोनों की जॉब चली गई। इसके बाद इन्होंने मार्च में ईंट भट्ठे में भी काम किया। पर जो पैसा मिला, वह नाकाफी था। इस बीच खर्च की वजह से दोनों कर्जदार हो गए थे। एक महिला का 10 हजार रुपए का कर्ज चुकाने के लिए मनोज को अपनी मां चीना रानी सेठ के कान की बाली भी 5 हजार रुपए में बेचनी पड़ी। किसी तरह उसने 8 हजार रुपए चुका दिया। फिर भी दो हजार रुपया बाकी रह गया। लंबा समय बीतने पर महिला ने पुलिस से भी मौखिक शिकायत कर दी। इसके अलावा इन पर बैंक का भी करीबन 60 हजार रुपए कर्ज है। इस वजह से तीनों ने डिप्रेशन में आकर सुसाइड करने का निर्णय लिया।
ये लोग जब कुईड़ा से चले थे तो इनके पास 4 हजार रुपए थे। उस पैसे से इन लोगों ने राउरकेला में 400 रुपए का खाना खाया। फिर 1600 रुपए में तीनों ने कपड़े खरीदे। उसके बाद सुसाइड करने की नीयत से निकल पड़े। तब रास्ते के माइलस्टोन में इन्होंने देखा कि मनोहरपुर की दूरी 45 किमी है। तब इन्होंने कुईड़ा में अपनी बदनामी से बचने के लिए गाड़ी का रुख मनोहरपुर की ओर मोड़ दिया।
पुल के बगल में खड़ी की बाइक और नीचे नदी में उतरे
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि मनोहरपुर आने पर गुरुवार की देर शाम 7 बजे इन्होंने कोयल नदी के पुल को पार कर एक बरगद के पेड़ के नीचे अपनी बाइक खड़ी की। उसके बाद नीचे नदी में उतर गए। इन्होंने सबसे पहले अपने-अपने मोबाइल फोन, शेष बचे पैसे व अन्य सामान को नदी में फेंक दिया। उसके बाद तीनों हाथ पकड़कर नदी में उतर गए। पानी में उतरने के बाद तीनों के हाथ छूट गए और अलग-अलग हो गए। इसी बीच चीना रानी और उसके बेटे ने मदद की गुहार लगाना शुरू कर दिया। कुछ दूरी पर नदी में नहा रहे पुरनापानी गांव के गाटरमुंडी निवासी लुकास गुड़िया ने मां और बेटे को नदी में तैरकर बचाया। जबकि तैराक होने की वजह से अभिजीत खुद बाहर निकल वापस घर पहुंच गया।
अभिजीत 10 सालों से अपनी बुआ चीना रानी के यहां रह रहा है
घटना के कुछ देर बाद ही सूचना मिलने पर थाना प्रभारी अमित कुमार, पुलिस निरीक्षक फागु होरो अभिजीत की खोज में आधी रात तक का समय गुजार दिया। बाद में मां-बेटे के सकुशल मिलने पर दोनों को थाना ले आए। बताया जाता है कि अभिजीत विगत 10 सालों से अपनी बुआ चीना रानी के यहां रह रहा है। इस दौरान वह कभी-कभार ही अपने घर गया। लिहाजा अपने फुफेरे भाई मनोज व बुआ से बढ़ी घनिष्ठता की वजह से उसने भी इनके साथ सुसाइड करने का निर्णय लिया।
सुसाइड के इरादे से तीनों आए थे मनोहरपुर
रोजगार के अभाव, कर्ज और आर्थिक तंगी की वजह से ही ये लोग ओडिशा के कुईड़ा से यहां सुसाइड करने आए थे। तीनों सकुशल हैं और इन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। वहीं, मां और बेटे को बचाने वाले लुकास को पुलिस द्वारा सम्मानित किया जाएगा। – अमित कुमार, थाना प्रभारी, मनोहरपुर
रिपोर्ट : अमित राज।
खबरें और भी हैं…