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चिदंबरम बोले- अगर जीएसटी ‘ईमानदारी का उत्सव’ तो भाजपा ने पांच साल तक क्यों किया विरोध

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार की इस बात के लिए आलोचना की कि वह वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को ‘ईमानदारी का उत्सव’ करार दे रही है क्योंकि अगर यह सच है तो 2014 में सत्ता में आने के पांच साल पहले तक उसने इसका विरोध क्यों किया।
एक के बाद एक कई ट्वीट में वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने सरकार से पूछा कि क्या उसे यह मालूम है कि समय पर जीएसटी का रिफंड नहीं मिलने के कारम लाखों व्यापारी और निर्यातक कितने परेशान हैं।

प्रधानमंत्री और कार्यवाहक वित्त मंत्री क्यों जीएसटी के अमल में आ रही असंख्य खामियों पर कुछ भी कहने से इनकार कर रहे हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री ने रविवार को इस नई कर व्यवस्था को सहकारी संघवाद का नायाम नमूना करार देते हुए कहा था कि यह ‘ईमानदारी का उत्सव’ है जिसकी वजह से देश में ‘इंस्पेक्टर राज’ का अंत हुआ है।

जीएसटीआर 3-बी आखिर कब तक

चिदंबरम ने पूछा है कि सरकार आखिर कब तक रिटर्न फाइल करने के लिए जीएसटीआर 3-बी की अस्थायी व्यवस्था से काम चलाते रहेगी। क्या यह कानूनन वैध है। उन्होंने आगे सवाल दागा है कि एक साल बीत जाने के बाद भी जीएसटीआर 2 और जीएसटीआर 3 को अधिसूचित क्यों नहीं किया जा सका है। मालूम हो कि पूरे देश में 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू हुआ था।

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