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टोक्यो में गोल्ड जीतने के बाद नीरज चोपड़ा ने अपने पिता से कहा था- गाड़ दिया पापा लट्ठ

नई दिल्ली. भारत के नए संसेशन और देश के ‘गोल्डन ब्वॉय’ नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में पुरुषों के भाला फेंक फाइनल इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने के बाद से लगातार चर्चा में बने हुए हैं. नीरज का इवेंट भारतीय दल के लिए टोक्यो ओलंपिक में अंतिम दिन था, जो रविवार (8 अगस्त) को समाप्त हुआ. 23 साल के इस खिलाड़ी ने 87.58 मीटर के अपने दूसरे थ्रो के कारण पहला स्थान हासिल किया और गोल्ड मेडल जीता. नीरज के गोल्ड की वजह से ही भारत 65वें से 48वें स्थान पर आ गया.

नीरज के थ्रो का मुकाबला या उससे आगे किभी अन्य प्रतियोगी का थ्रो नहीं निकल पाया. यह भारतीय स्टार उम्मीदों पर खरा उतरे और निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद देश के लिए दूसरा गोल्ड मेडल जीतकर लाए. इससे पहले सिर्फ बिंद्रा ने 2008 के ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीता था. भारत के लिए इतिहास रचने के बाद और एथलेटिक्स में देश का पहला ओलंपिक मेडल जीतने के बाद नीरज ने अपने पिता सतीश कुमार से फोन के जरिये बात की. अपने पिता को फोन लगाते ही नीरज का पहला वाक्य था, ‘गाड़ दिया पापा लट्ठ.’

नीरज चोपड़ा के पिता सतीश कुमार ने कहा, ‘मेरी खुशी को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है. मैं दिल से बहुत ज्यादा खुश हूं. मुझे बहुत खुशी है कि मेरे बेटे के प्रयासों से देश का सपना पूरा हुआ है. हम किसानों की पृष्ठभूमि से आते हैं. एक किसान के पास कभी भी अपने हिसाब से जीने के लिए पर्याप्त नहीं होता. मेरा मानना ​​है कि जो परिवार सुविधाओं की कमी के साथ रहते हैं, वे बुनियादी सुविधाओं के महत्व को समझते हैं और अपने सपनों को जीने और जीवन में कुछ हासिल करने का साहस रखते हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘जब तक हम अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखेंगे तब तक हम जीवन में सफल नहीं हो सकते. नीरज ने भी वही किया. हम चार भाइयों का परिवार है. हमारे परिवार में हम सभी ने सुनिश्चित किया कि नीरज को एक उचित भाला फेंकने वाला बनने के लिए उचित मार्गदर्शन मिले. उनके सपने को पूरा करने में हम सभी ने उनका साथ दिया. हमारे पूरे गांव ने उनकी सफलता के लिए प्रार्थना की. हम शुरू से जानते थे कि हमारे बच्चे में गोल्ड जीतने की क्षमता है, लेकिन आज उसने यह साबित कर दिया है!’

टोक्यो 2020 में टीम इंडिया के लिए नीरज चोपड़ा और अन्य छह पदक विजेताओं को भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) द्वारा सोमवार (9 अगस्त) को एक भव्य समारोह में टोक्यो से लौटने पर सम्मानित किया गया, जो कि प्रतिष्ठित मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में हुआ. नीरज के लिए नकद पुरस्कारों का सिलसिला लगातार जारी है, जो अब अगले ओलंपिक और अन्य प्रमुख आयोजनों में निरंतरता बनाए रखने का लक्ष्य रखेंगे.

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