दस्तक-विशेष

नेताजी की तारीफ

सौCapture साल पुरानी पार्टी को देश की सबसे बड़ी पंचायत में 400 से 40 पर लाने वाली भगवा पार्टी अब भी परेशान है। इसके पीछे कारण यह है कि 40 ने ही सदन के भीतर जो हंगामा काटा उससे पूर्ण बहुमत वाली सरकार भी अपने कामों को पूरा नहीं कर पायी। सरकार ने बहुत दिनों तक कोशिश की कि पंजे के रवैये में कोई परिवर्तन आ जाए, लेकिन वे अपनी ही जिद पर अड़े रहे। मजबूरी में संसद के बरसाती सत्र का सत्रावसान करना पड़ा। उसके बाद तो सरकार के मुखिया पंजे पर बरस ही पड़े। पश्चिमी उप्र की एक जनसभा में संसदीय परम्पराओं का पालन करने पर साइकिल वाले नेताजी की प्रशंसा के पुल बांध दिए। अब राजनीतिक पंडित सोच में पड़े हैं कि आखिर नेताजी की प्रशंसा क्यों की गयी। वह भी उनके वोट बैंक माने जाने वाले इलाके में। जहां से थोड़ी ही दूरी पर दुनिया भर में मशहूर एक इस्लामिक तालिमी इदारा है। प्रशंसा के पीछे की रणनीति और राजनीति तो नेताजी को भी शायद ही समझ में आयी हो, लेकिन सरकार के मुखिया को जो संदेश देना था वह तो उन्होंने दे ही दिया।

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