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पीएमसी के बाद एक और बैंक में करोड़ों का घोटाला, एक लाख ग्राहक नहीं निकाल पा रहे अपना ही पैसा

पुणे : पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक घोटाले की आंच अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि महाराष्ट्र के एक और कोऑपरेटिव बैंक में करोड़ों रुपए की अनियमितता सामने आई है. महाराष्ट्र सरकार के सहकारिता विभाग ने पुणे में मुख्यालय वाले शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड के कामकाज में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा होने के बाद निदेशक मडंल को बर्खास्त कर दिया है. बैंक के कामकाज को देखने के लिए प्रशासक की नियुक्ति भी कर दी गइ ह्रै. जांच में फर्जी तरीके से 300 करोड़ के लोन बांटने की बात सामने आई है. इस बैंक के खाताधारक अपना ही पैसा बैंक से नहीं निकाल पा रहे हैं.
करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमितता से कोऑपरेटिव बैंक के तकरीबन एक लाख ग्राहकों के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है. जानकारी के मुताबिक, इस बैंक के प्रमोटर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र विधानपरिषद के सदस्य अनिल शिवाजीराव भोसले हैं. सहकारिता आयुक्त सतीश सोनी ने 9 अक्टूबर को जारी आदेश में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अप्रैल 2019 में की गई विशेष जांच-पड़ताल में बैंक के कामकाज में कई गंभीर अनियमितताओं का खुलासा किया गया है.
आदेश में कहा गया है कि सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार और सहकारी आयुक्त ने आरबीआई के साथ विचार-विमर्श के बाद बैंक के मौजूदा निदेशक मंडल को हटा दिया है. उसके स्थान पर उप-जिला रजिस्ट्रार नारायण आघव को प्रशासक नियुक्त कर दिया गया है. संकट ग्रस्त बैंकों के जमाकर्ताओं के मामलों को बढ़ाने वाले समूह के सदस्य मिहिर थाटे ने कहा कि शिवाजीराव भोंसले सहकारी बैंक के करीब एक लाख खाता धारक फिलहाल बैंक से अपना पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि फर्जी कर्जदारों को 300 करोड़ रुपए का कर्ज वितरित कर दिया गया, जिसकी वजह से मौजूदा संकट खड़ा हुआ है.

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