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फ्लैट गिराने के आदेश से टूटेगा भरोसा टूटेगा

दस्तक टाइम्स/एजेंसी-
noida flatनई दिल्लीः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट (नोएडा एक्सटेंशन) में पतवारी गांव के पास एक विवादित जमीन पर बने कई रेजिडेंशल प्रोजैक्ट्स को 2 महीने के भीतर गिराने का आदेश दिया है। आरोप है कि ये फ्लैट शमशान भूमि पर अवैध तरीके से बने हैं। सुपरटेक, आम्रपाली, जगत तारन जैसे डिवैलपर्स के फ्लैट इसमें शामिल बताए जा रहे हैं। हालांकि, आदेश के बाद आम्रपाली ने एक बयान जारी कर कहा कि कोर्ट के आदेश में कहीं भी उसके प्रोजैक्ट की बात नहीं कही गई है और विवादित जगह पर कंपनी का कोई प्रोजैक्ट नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक इससे हजारों फ्लैट बायर्स प्रभावित होंगे। रियल्टी कंसल्टेंट्स और ग्लोबल रिसर्च फर्मों का कहना है कि इस फैसले से बायर्स सेंटीमेंट को फिर झटका लगा है लेकिन दायरा सीमित होने के कारण स्थानीय रियल्टी मार्कीट की रिकवरी पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं होगा।
जोंस लैंग लसाल (जेएलएल) के रियल एस्टेट इंटेलिजेंस सर्विस के असोसिएट डायरैक्टर रोहन शर्मा ने कहा, “ऐसे आदेशों से खरीदारों का भरोसा तो टूटेता है लेकिन इस मामले में स्थानीय मार्कीट पर बहुत व्यापक असर होता नहीं दिख रहा। संभव है कि सुप्रीम कोर्ट में अपील होगी। चूंकि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में किसानों के साथ बड़े विवादित मुद्दे सुलझा लिए गए हैं, ऐसे में यह सिर्फ बाऊंड्री से जुड़ा मुद्दा रह जाता है। बहुत बुरी स्थिति में यह संबंधित फ्लैटों तक ही प्रभावित करेगा।” उन्होंने उम्मीद जताई कि ऐसे मामलों में कहीं न कहीं सेटलमेंट हो जाता है और टूटने की नौबत कम ही आती है।

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