उत्तराखंड

मिनटों में गाड़ी को फर्राटा बना देती है ‘टायर स्पेशलिस्ट दीदी’

kamla-5680bc7653075_exlstयदि कहीं कोई महिला जेसीबी के टायरों के पंचर जोड़ते या फिर बाइक और कार की सर्विसिंग करती नजर आए तो क्या कहने।

जी हां, नैनीताल जिले मल्ला रामगढ़ से क्वारब की ओर जाते वक्त रास्ते में पड़ता है गांव ओड़ाखान और इसी गांव की एक महिला हैं, जिन्हें लोग उनके नाम से कम और ‘टायर स्पेशलिस्ट दीदी’ के नाम से ज्यादा जानते हैं।

वह बीते सात साल से पंचर जोड़ने का काम कर रही हैं और अब तक सैकड़ों गाड़ियों के पंचर जोड़ चुकी हैं। रामगढ़ ब्लॉक के ओड़ाखान निवासी यह महिला हैं हयात सिंह नेगी की पत्नी कमला नेगी।

मल्ला रामगढ़-क्वारब रोड में वर्षों पहले हयात सिंह ने टायर पंचर की दुकान खोली। घर में चूल्हा-चौके से फुर्सत मिलने के बाद कमला अक्सर दुकान के काम में अपने पति की मदद करने लगी और धीरे धीरे वह न केवल टायर के पंचर लगाने में माहिर हो गई।

अब तो वह बाइक व अन्य छोटे वाहनों की बखूबी सर्विसिंग भी कर लेती हैं। चूंकि इस रोड के दोनों ओर लगभग 15-16 किमी की दूरी तक टायर का पंक्चर ठीक करने की कोई दुकान नहीं है।

लिहाजा रास्ते में जिस किसी भी वाहन का टायर पंचर हुआ तो वह टायर स्पेशलिस्ट दीदी की दुकान में आ जाता है और चंद मिनटों के भीतर ही कमला दीदी गाड़ी का टायर खोल न केवल उसके पंचर को ठीक कर देती हैं, बल्कि वापस टायर को गाड़ी में भी फिट कर देती हैं।

औसतन दिन भर में पांच, छह पंचर वह जोड़ती हैं। कमला दीदी के इस काम ने उन्हें स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्र में भी खासी पहचान दिलाई है।

इतना ही नहीं कमला गांव में चिराग संस्था से भी जुड़ी हुई हैं। दुकान में काम करने के साथ ही वह महिला समूह के माध्यम से अन्य महिलाओं को भी समय-समय पर स्वावलंबी बनने के लिए प्रेरित करती रहती हैं।

कमला के एक बेटा और एक बेटी है। बेटा सीमा सुरक्षा बल में सेवाएं देते हुए देश सेवा कर रहा है। बकौल कमला बीते सात साल में वह साइकिल, स्कूटर, मोटर साइकिल, स्कूटी, ट्रक, बस यहां तक जेसीबी के टायर के पंचर को भी जोड़ चुकी हैं। उन्होंने बताया कि कार और बाइक की भी वह बखूबी सर्विसिंग कर लेती हैं।

अपने काम के प्रति कमला की मेहनत और लगन को देखते हुए वर्ष 2010 में महिला समाख्या की और से उन्हें प्रशस्ति पत्र भी दिया जा चुका है। कमला का कहना है कि यदि कोई भी काम मेहनत और लगन से किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है। वह कहती हैं कि जिस इंसान में सीखने की ललक हो उसे मंजिल अवश्य मिलती है।

कमला देवी रामगढ़ ब्लाक के दाड़िमा गांव में संचालित अखंड ज्योति स्वयं सहायता समूह की अध्यक्षा हैं। उसके प्रयासों के चलते उनके समूह के खाते में एक लाख रुपए से अधिक की रकम जमा हो चुकी है।

अखंड ज्योति समूह में आठ महिलाएं जुड़ी हुई हैं। समूह की सदस्यों को यदि कभी विवाह अथवा किसी अन्य समारोह के लिए धनराशि की जरूरत होती है तो वह अपने समूह से एक फीसदी के ब्याज पर 20 से 40 हजार रुपए तक ऋण ले सकती हैं।

Related Articles

Back to top button