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मुकेश अंबानी शुरू कर रहे हैं नया बिजनेस…फिर देश में रहने वाले हर नागरिक को मिलेगा फायदा

मोबाइल सेवा के जरिए घरघर पहुंच चुके दुनिया में मशहूर भारत के जानेमाने उद्योगपति मुकेश अंबानी अब कदमकदम पर आप के साथसाथ होंगे। जी हां, ऐसा होने जा रहा है। जियो आप के हाथ में होगा तो रिलायंस के जियो पाइंट स्टोर्स से हासिल किए गए जूते आप के पैरों में होंगे।

मुकेश अंबानी शुरू कर रहे हैं नया बिजनेस…फिर देश में रहने वाले हर नागरिक को मिलेगा फायदारिलायंस के रणनीतिकारों की सलाह को ग्रुप चेयरपर्सन मुकेश अंबानी ने स्वीकृति दे दी है। अब रिलायंस रिटेल कंपनी अपने जियो पांइंट स्टोर्स के जरिए चीनी, दाल, साबुन और बिस्कुट से ले कर अपैरल और जूतों की भी बिक्री करेगी। इन सब सामानों की डिलीवरी मौजूदा जियो डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के जरिए ग्राहकों के घर पर की जाएगी। ये ग्राहक वैसे भी अपने सिम कार्ड, मोबाइल हैंडसेट और एसेसरीज के लिए इन स्टोर्स पर आते हैं। मालूम हो कि रिलायंस ग्रुप ने 5 हजार से ज्यादा शहरों में तकरीबन 5,100 छोटे जियो पाइंट स्टोर्स को अपने महत्त्वाकांक्षी ई-कौमर्स वेंचर के लिए लास्ट माइल कनेक्शन प्वाइंट बनाने की योजना बनाई है। वह इन के जरिए उन ग्राहकों तक पहुंचना चाहता है, जिन के पास इंटरनेट कनेक्शन नहीं है या जिन्होंने कभी औनलाइन शौपिंग नहीं की है।

फिलहाल, जियो पाइंट स्टोर्स के लरिए रिलायंस रिटेल अभी टेलीविजन, रेफ्रिजरेटर और वौशिंग मशीन की बिक्री इसी तरह से कर रही है। कंपनी की कुल कंज्यूमर इलेक्ट्रौनिक सेल्स में इस की हिस्सेदारी अभी 10 पर्सेंट के करीब है। अब कंपनी ने इस मौडल को ग्रौसरी, पर्सनल केयर, अपैरल और जूतों के सेगमेंट तक बढ़ाने की योजना बनाई है।

माना जा रहा है कि जियो पाइंट का रिलायंस रिटेल के ई-कौमर्स वेंचर में बड़ा रोल होगा। कंपनी इन सामानों का बिजनेस अगले साल अप्रैल से शुरू करेगी। दरअसल, रिलायंस रिटेल ने देश की 95 फीसदी आबादी तक सीधे पहुंचने का प्लान बनाया है। और यह काम ई-कौमर्स और जियो पाइंट स्टोर्स के जरिए ही हो सकता है। कंपनी ई-कौमर्स के जरिए 10 हजार से ज्यादा आबादी वाले शहरों में रिटेल सेक्टर में मौजूदगी चाहती है। इस का मतलब यह है कि वह देश के 95-98 फीसदी ग्राहक बेस तक पहुंचेगी।

रिलायंस ने छोटेबड़े शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में 50 हजार जियो पाइंट स्टोर्स खोलने की तयारी की है, जो जियो के लिए कस्टमर सेल्स और सर्विस टच पाइंट का काम करेंगे। इस से कंपनी अपना एक बड़ा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तैयार करेगी। कंपनी हर 3 महीने में 500 नए जियो पाइंट स्टोर्स खोल रही है।

देश में एमेजौन और फ्लिपकार्ट ई-कौमर्स कंपनियां भी छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। एमेजौन ने इस के लिए प्रोजेक्ट उड़ान शुरू किया है। इस के जरिए कंपनी ने 12 हजार किराना दुकानों और स्थानीय उद्यमियों तक पहुंच बनाई है। ग्राहक इन दुकानों में और्डर दे कर अपने प्रोडक्ट्स वहां से ले सकते हैं।

रिलायंस ग्रुप के एक अधिकारी का कहना है कि रिलायंस रिटेल अपने जियो पाइंट स्टोर्स में ई-कौमर्स कियोस्क लगाएगी, जहां से स्टोर एग्जीक्यूटिव्स लोगों को और्डर प्लेस करने में मदद करेंगे।

ईवाई इंडिया एजेंसी की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में ई-कौमर्स का रूरल मार्केट अगले 4 वर्षों में 10-12 अरब डौलर तक पहुंच सकता है। इस में 2018 से 2021 के बीच देश में ई-कौमर्स सेल्स में 32 फीसदी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर यानी कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) से बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है।

जियो मोबाइल के ग्राहकों को जियो पाइंट स्टोर्स से जूते वगैरह की खरीदारी करने पर क्या स्पेशल डिस्काउंट मिलेगा, इस सवाल पर रिलायंस ग्रुप के एक अधिकारी का कहना थे कि इन पर अभी गौर नहीं किया गया है। बहराल, अप्रैल 2019 से आप के पैरों में जियो के जूते होंगे।

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