उत्तराखंडराज्य

मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा- प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत संतोषजनक नहीं

देहरादून: एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर झलका मुख्यमंत्री का दर्द। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत संतोषजनक नहीं है। मुझे यह स्वीकारने और स्पष्ट बोलने में कोई दिक्कत नहीं है। दून या किसी अन्य बड़े शहर को देख आपको लगेगा कि सब अच्छा है, लेकिन दूरस्थ क्षेत्रों के लिये भी सरकार उतनी ही जवाबदेह है।

उत्तरकाशी के जखोल गांव और नैनीताल के ओखलखंडा का उदाहरण देते कहा कि वहां अब भी महिलाएं सुरक्षित प्रसव की अवधारणा से कोसो दूर हैं। समय से उपचार न मिलने के कारण जच्चा-बच्चा दम तोड़ देते हैं। दुरुह क्षेत्र में रहने वाले इन लोगों के प्रति हमारी संवेदना जागनी चाहिए। हमें दूरस्थ क्षेत्रों में जाकर इनकी पीड़ा हरनी है।

कहा, जरा सोचिये, ईसाई नर्सों और चिकित्सकों ने सात समंदर पार से आकर सेवा की है। वहां भी, जहां न रहने की व्यवस्था थी और न खाने की। ऐसा हम क्यों नहीं कर सकते हैं। अपनत्व का भाव केवल बाह्य नहीं होता। आज यहां सेवा की जो शपथ ली है, वह महज रस्मअदायगी तक न रहे। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का सरकार प्रयास कर रही है और इसमें आप सबका सहयोग चाहिये। उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र के व्यवसायिक पक्ष पर बोलते कहा कि डाक्टर जब कमाई के पीछे भागता है तो वह कसाई के समान हो जाता है।

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