राजनीति

मोदी ने की नोटबंदी: 8 लाख करोड़ के घोटाले को छिपाने के लिए “केजरीवाल”

kejriwal-24-12-2016-1482550920_storyimageआम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ लाख करोड रुपये के घोटाले को छिपाने के लिये नोटबंदी की है। केजरीवाल ने जयपुर के रामलीला मैदान में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए दावा किया कि पीएम ने अपने मित्र और बड़े लोगों के कर्ज को माफ करने के लिये नोटबंदी का निर्णय लिया है। मोदी अब 8 लाख करोड रुपये के अन्य कर्ज माफी के बारे में सोच रहे हैं।

उन्होंने दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने कारोबारी विजय माल्या का बारह सौ करोड रुपये का कर्ज माफ किया गया और मोदी सरकार की ओर से मिली पनाह के कारण ही नाकाबंदी होने के बावजूद माल्या विदेश भागने में कामयाब हो गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने माल्या को विदेश भगाने के लिए रुपये का लेन देन किया है। जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे उस दौरान कुछ व्यावसायिक घरानों पर आयकर विभाग के छापा डाले गये और भारी तादात में धन मिला लेकिन जांच अभी भी लंबित है।

जिनके खाते स्विस बैंक में हैं, उन्हें गिरफ्तार करो

केजरीवाल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों को करोडों रुपये के कर्ज माफ कर दिये है, जबकि देश के गरीब किसान और छोटे उद्योग चलाने वाले को कोई सहायता नहीं मिली है। वास्तव में नोटबंदी का उद्योगों पर विपरीत असर पड़ा है। आप संयोजक ने सुझाव दिया कि यदि पीएम मोदी को कालाधन वापस लाने और भ्रष्टाचार को खत्म करना है तो उन्हें देश के उन 648 लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए जिनके खाते स्विस बैंक में है। इसमें कई बड़े लोग शामिल हैं।

केजरीवाल ने कहा, मैं यह सब रिकार्ड पर कह रहा हूं। मेरे खिलाफ 24 मामले दर्ज है लेकिन पिछले एक महीने से अधिक समय से एक भी मामला मेरे खिलाफ दर्ज नहीं हुआ है। इसका मतलब है कि मैं सच बोल रहा हूं।

राजनीतिक पार्टियों को ऑडिट से क्यों मिले छूट

राजनीतिक पार्टियों को बंद हुए नोट लेने में दी गई छूट पर हमला बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस को 70 से 80 प्रतिशत तक जो पैसा मिलता है, वह नकद में मिलता है, जबकि आम आदमी पार्टी को नकदी केवल 8 प्रतिशत मिलती है। राजनीतिक पार्टियों को ऑडिट से छूट क्यों मिलनी चाहिए। लोगों को नकदी रहित लेनदेन की अपील करने से पहले मोदी और उनके पार्टी के लोगों को नकदी रहित दान को मना करने के बारे में सीखना चाहिए।

उन्होंने कहा, मैंने एक शोध कर केन्द्र सरकार के नोटबंदी की अवधारणा को समझा है। भ्रष्टाचार और कालाधन प्रणाली से बिल्कुल खत्म नहीं हुई है। लोग पहले एक हजार रुपये में रिश्वत ले रहे थे और अब दो हजार रूपये में रिश्वत ले रहे है, जिसका संकलन और अधिक आसान है। नोटबंदी से केवल आम आदमी की मुश्किलें बढ़ी है जो एटीएम की कतार में खड़ा है।

 
 
 

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