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लद्दाख में 10 हजार साल पुरानी कैंपिंग साइट मिली

ladakhनई दिल्ली: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में कराकोरम दर्रे के रास्ते पर 8500 ईसा पूर्व यानी 10,500 साल पुराने एक शिविर स्थल की खोज की है। साफ है 10,500 साल पहले इस इलाके में इंसान की मौजूदगी थी। यह साइट समुद्रतल से करीब 14 हजार फीट ऊंचाई पर है।

– एएसआई के संयुक्त महानिदेशक डॉ.एस बी ओटा को वर्ष 2015-16 में की थी खोज।
– नुबरा घाटी की खोजबीन करते हुए सासेर की ओर बढ़ते हुए घुमावदार सड़क के दोनों ओर पहाड़ी और घाटी का पता चला था।
– करीब 22 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद उन्होंने सड़क निर्माण के कारण जले हुए अवशेषों की कुछ परतें देखी
– वहां रुककर उस क्षेत्र का निरीक्षण किया गया, यहां सड़क बनाने के लिए काम चल रहा था।
– इन्हें रेडियोकॉर्बन जांच के लिए फ्लोरिडा की बीटा लैब को भेजा गया।
– रेडियोकॉर्बन टेस्ट से पता चलता है कि कोई ऑब्जेक्ट कितने साल पुराना है।
– एएसआई के मुताबिक, आगे की जांच के लिए अफसरों की एक टीम को साइट पर भेजा जाएगा।
– यह इलाका इतना ऊपर है कि यह काम आसान नहीं हैं, क्योंकि यहां ऑक्सीजन की भारी कमी रहती है।

भारत की सबसे पुरानी सभ्यता थी… “सिंधु घाटी सभ्यता”
– सिंधु घाटी की सभ्यता दुनिया की सबसे प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक थी।
– यह हड़प्पा सभ्यता और सिंधु-सरस्वती सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है।
– इसका विकास सिंधु और प्राचीन सरस्वती नदी के किनारे हुआ था।
– मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा, राखीगढ़ी और हड़प्पा इसके मुख्य केंद्र थे।
– रेडियो कार्बन जैसी पद्धति के पता चला कि यह सभ्यता 2600 से 1900 ई पूर्व है।
– लेकिन हाल ही में IIT खड़गपुर और ASI के वैज्ञानिकों ने सिंधु घाटी सभ्यता को लेकर नए तथ्य रखे हैं।
– वैज्ञानिकों के मुताबिक सिंधु घाटी की सभ्यता 8 हजार साल पुरानी थी।
– इस लिहाज से यह सभ्यता मिस्र और मेसोपोटामिया की सभ्यता से भी पहले की हुई।
– मिस्र की सभ्यता के 7,000 ईसा पूर्व से 3,000 ईसा पूर्व तक रहने के प्रमाण मिलते हैं।
– जबकि मेसोपोटामिया की सभ्यता 6500 ईसा पूर्व से 3,100 ईसा पूर्व तक अस्तित्व में थी।

 

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