राजनीतिराज्य

लालू का तीखा वार, मेरे बेटों की बलि देना चाहते थे नीतीश

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने मंगलवार को एक बार फिर से नीतीश कुमार पर हमला बोला. लालू ने नीतीश को घेरते हुए कहा कि बिहार के सीएम को राजनीति का पलटू राम कहना चाहिये. लालू ने कहा कि नीतीश राजनीति करने मुझसे ही चंदन लगवा कर जाते थे लेकिन मौका मिलते ही वो पलटी मार बैठे.

ये भी पढ़ें: इन 5 राशियों के लोग सबसे ज्यादा झूठ बोलने में होते है माहिर

लालू अपने आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि नीतीश ने राजनीति में हमसे सीनियर होने की बात कही जो कि कितनी सच है इसका बखूबी हमे पता है. उन्होंने छात्र राजनीति का जिक्र करते हुए कहा कि नीतीश ने कहा कि मैं उनके सहयोग से चुनाव जीता लेकिन सच तो ये है कि वो यानि नीतीश कुमार खुद तब इंजीनियरिंग के छात्र थे कि नहीं उन्हें ये भी पता नहीं.

लालू ने कहा कि नीतीश बोलते हैं कि मैंने लालू को वोट दिलवाया लेकिन सच्चाई ये है कि वो खुद मेरी मदद से अपने आप को राजनीति में खड़ा कर पाये हैं. लालू ने कहा कि मैं खुद वैसी जगह गया जहां सिर्फ और सिर्फ मेरी एंट्री थी ऐसे में नीतीश मुझे कैसे चुनाव जीतवा सकते हैं.

नीतीश को मौकापरस्त बताते हुए लालू ने कहा कि वो मेरे बेटों की बलि देना चाहता था. नीतीश को निशाने पर रखते हुए लालू ने कहा कि वो मास के नहीं बल्कि एक खास समाज के नेता हैं यही कारण है कि वो 1994 में हुए कुर्मी सम्मेलन में मेरे खिलाफ राजनीति करने गांधी मैदान गये थे. 

ये भी पढ़ें: किडनी को सेहतमंद रखना है तो आज ही छोड़ें ये बुरी आदतें!

शिवानंद तिवारी का हवाला देते हुए लालू ने कहा कि नीतीश को शिवानंद और जगदीश शर्मा को मैंने नॉमिनी बनाया जिसके बाद उनकी पहचान बनी. लालू ने छात्र राजनीति का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार पर लगातार निशाना साधा. सुशील मोदी के बारे में लालू ने कहा कि तब मोदी हाफ पैंट पहन कर आरएसएस का झंडा ढोता था और मेरे अंडर में काम करता था. उन्होंने बताया कि जेपी ने खुद मुझे छात्र संघर्ष संचालन समिति का अध्यक्ष बनाया.

नीतीश कुमार को आडवाणी ने 1994 में हाथ पकड कर राजनीति में प्रवेश कराया. लालू ने कहा कि बिहार ही नहीं देश की राजनीति में भी इस पलटू राम का चरित्र जग जाहिर है यही कारण है कि इनके खिलाफ मोदी ने भी कई बार बातें कहीं हैं. लालू ने कहा कि नीतीश को अब हाथों में ढोलक और झाल ले कर जय सियाराम का राग अलापना चाहिए.

लालू ने कहा कि नीतीश मुझसे सीनियर होते तो मेरे पहले चुनाव जीतते लेकिन मैंने 1977 में ही चुनाव जीता.उन्होंने जीतन राम मांझी और प्रशांत किशोर का भी जिक्र करते हुए नीतीश की नीतियों पर निशाना साधा. लालू ने ट्रांसफर-पोस्टिंग पर भी निशाना साधा.

लालू ने नीतीश को मांझी, शरद यादव प्रकरण को लेकर भी घेरा. उन्होंने कहा कि मैंने शरद यादव को 27 अगस्त को होने वाली रैली में आने का न्योता दिया है क्योंकि वो भी जानते हैं कि देश गंभीर परिस्थितियों से गुजर रहा है.

 
 

 

Related Articles

Back to top button