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शिवपाल की समाजवादी पार्टी में वापसी ? अखिलेश ने दिए संकेत…

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी एकजुट होने की ​कोशिश कर रही है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच की दूरियां पटती हुई दिख रही है. अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल की विधायकी रद्द करने वाली याचिका वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. शिवपाल यादव वर्तमान में जसवंतनगर से विधायक हैं.

समाजवादी पार्टी ने की थी विधायकी रद्द करने की मांग
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने शिवपाल यादव की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के लिए डाली गई याचिका वापस लेने के लिए स्पीकर हृदयनारायण दीक्षित को पत्र लिखा है. इससे शिवपाल यादव की समाजवादी पार्टी में वापसी की संभावना तेज हो गई है.

रामगोविंद चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित को पत्र लिखकर कहा है, ‘आपके सम्मुख जो याचिका विचाराधीन है, उसमें पूरे प्रपत्र नहीं लगे हैं. जरूरी प्रपत्र हम प्रस्तुत नहीं कर सके हैं. इस कारण आपको निर्णय लेने में भी असुविधा हो रही है. इसलिए याचिका को वापस कर दिया जाए.’

अब सपा नहीं चाहती शिवपाल की विधायकी रद्द करना
विधानसभा कार्यलय को याचिका वापस लेने के संबंध में सपा का पत्र मिल गया है. विधानसभा कार्यलय ने कहा है कि फिलहाल विधानसभा सचिवालय बंद चल रहा है. पत्र का परीक्षण कराया जाएगा और जो भी विधि व संविधान सम्मत होगा वह निर्णय लिया जाएगा. आपको बता दें कि राम गोविंद चौधरी ने ही पिछले साल 4 सितंबर को समाजवादी पार्टी की ओर से दलबदल विरोधी कानून के आधार पर शिवपाल यादव की सदस्यता निरस्त करने के लिए विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखा था.

अलग पार्टी बनाकर भी सपा के विधायक हैं शिवपाल
दरअसल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ही चाचा-भतीजे शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच मनमुटाव हो गया था. शिवपाल यादव ने सपा से अलग होकर अगस्त 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना ली थी. लेकिन तकनीकी तौर पर वह जसवंतनगर से समाजवादी पार्टी से विधायक हैं. न तो उन्होंने सपा छोड़ी है और न ही अखिलेश ने उन्हें पार्टी से बाहर निकाला है. इसी के चलते उनकी विधायकी अभी तक बची हुई है.

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