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नागालैंड में पाई गईं रोडेन्ड्रॉन की 11 प्रजातियां

नई दिल्ली: नागालैंड में हाल ही में रोडेन्ड्रॉन ( Rhododendrons) जिसे बुरांश भी कहते हैं ,की 11 प्रजातियां पाई गई हैं जिनकी किस्मों और रंग रंग में विभिन्नता है । ये नागालैंड क्षेत्र की देशज प्रजातियां हैं। हाल ही में रोडेन्ड्रॉनऔर सस्टेनेबल टूरिज्म विषय पर बोटैनिकल सर्वे ऑफ इंडिया, कोलकाता के द्वारा आयोजित किए गए एक सेमिनार में इस बात की जानकारी दी गई है।

एनवायर्नमेंटल इनफार्मेशन सिस्टम (ईएनवीआईएस) रिसोर्स पार्टनर ऑन बायोडायवर्सिटी के मुताबिक बुरांश का वानस्पतिक नाम रोडोडेंड्रोन अर्बोरियम एसएम है। बुरांश को अंग्रेज़ी में रोडोडेंड्रोन और संस्कृत में कुर्वाक के नाम से भी जाना जाता है। ‘रोडोडेंड्रोन’ दो ग्रीक शब्दों से लिया गया है, ‘रोड’ का अर्थ है ‘गुलाबी लाल’ और ‘डेंड्रोन’ का अर्थ है ‘पेड़’ में खिलने वाले गुलाबी लाल फूलों से है। मार्च-अप्रैल के महीनों में बुरांश के फूलने का समय है।

बुरांश एक सदाबहार पेड़ है जो समुद्र तल से 1500-3600 मीटर की ऊंचाई पर उगता है, यह 20 मीटर तक ऊंचा होता है, जिसमें खुरदरी और गुलाबी भूरी छाल होती है। पत्तियां शाखाओं के सिरे की ओर भरी हुई, तिरछी-लांसोलेट और सिरों पर संकुचित, 7.5 से 15 × 2.5 – 5 सेमी, ऊपर चमकदार, नीचे सफेद या जंग के सामान भूरे रंग के होते हैं। फूल कई हिस्सों में, बड़े, गोलाकार, गहरे लाल या गुलाबी रंग के होते हैं।बुरांश के फूलों से बना शरबत हृदय रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

बुरांश मूल रूप से भारतीय है, यह पूरे हिमालयी इलाकों में फैला हुआ है। यह भूटान, चीन, नेपाल और पाकिस्तान, थाईलैंड और श्रीलंका में भी पाया जाता है।

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