मध्य प्रदेश के इंदौर को देश के सबसे साफ-सुथरा शहर का दर्जा मिला है, वहीं एमपी की राजधानी भोपाल इस मामले में दूसरे स्थान पर है। स्वच्छता मामले में सबसे बदतर स्थिति उत्तर प्रदेश की है। इस सबसे बड़े प्रदेश का गोंडा जहां सबसे गंदा शहर माना गया, वहीं 50 सबसे गंदे शहरों में इसके 25 शहर कलंकित हुए हैं। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया ने बृहस्पतिवार को स्वच्छ भारत मिशन के तहत 434 शहरों की रैंकिंग जारी की।
इस मौके पर उन्होंने बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों को पुरस्कृत भी किया। स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 के तहत 50 सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में गुजरात के सबसे ज्यादा 12 शहर हैं। वहीं, मध्य प्रदेश के 11 और आंध्र प्रदेश के 8 शहर देश के 50 शहरों में शुमार हैं। लेकिन इसके उलट देश के 50 सबसे गंदे शहरों में उत्तर प्रदेश की भागीदारी सर्वाधिक है। हालांकि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी ने स्वच्छता के मामले में थोड़ा सुधार किया है।
वाराणसी से पीएम मोदी सांसद हैं
मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत अभियान के तहत किए गए सर्वे में वाराणसी को इस बार 32वां स्थान मिला है। पिछले साल यह 65वें स्थान पर था जबकि 2014 में देश के स्वच्छ शहरों में यह 418वें स्थान पर था। नायडू ने उत्तर प्रदेश के प्रदर्शन पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि इसके लिए वह मंत्रालय की पूरी टीम के साथ शुक्रवार को लखनऊ में मिशन से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
सर्वे में इंदौर के बाद दूसरा स्थान मध्य प्रदेश के भोपाल का है। 2014 में दूसरे स्थान पर रहा मैसूर इस साल पांचवें नंबर है। नायडू ने बताया कि तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश का विशाखापट्टनम और चौथे स्थान पर गुजरात का सूरत है। दूसरी तरफ 2014 की तुलना में इस साल एनडीएमसी की रैंकिंग भी गिरी है। एनडीएमसी पांचवें स्थान से खिसककर सातवें पर पहुंच गया है। दूसरी ओर चंडीगढ़ राजधानी वाले स्वच्छ शहरों में सबसे अव्वल रहा जबकि फरीदाबाद में तेजी से सुधार हुआ है।
छह राज्यों में बड़े स्तर पर आया सकारात्मक बदलाव
वेंकैया नायडू ने बताया कि मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में मिशन को लेकर बड़े स्तर पर बदलाव दिखा है। मध्य प्रदेश व झारखंड की रैंकिंग में 2014 से 2016 तक सुधार दिखा है।
वहीं, गुजरात व छत्तीसगढ़ में क्रमश: राजकोट और बिलासपुर को छोड़कर सभी शहरों में इस बीच सुधार आया है। जबकि आंध्र प्रदेश के चार शहरों व तेलंगाना के दो शहरों की रैंकिंग गिरी है।
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन लांच होने से पहले 2014 में सर्वे कराया था। बीते साल 2016 में दस लाख से ज्यादा आबादी वाले 73 शहरों में सर्वे कराया गया था।
इस बार का 434 शहरों की रायशुमारी का दायरा इतना बड़ा है कि इसमें 60 फीसदी शहरी आबादी ंशामिल हो गई। नायडू ने दावा किया कि 2017 के सर्वे में 4000 से ज्यादा शहरों को शामिल करने की योजना है।
टॉप 50 में सबसे ज्यादा गुजरात से
सबसे स्वच्छ टॉप 50 शहरों में से 31 शहर गुजरात, मध्य प्रदेश व आंध्र प्रदेश से आते हैं। वहीं, बचे 29 शहर 11 राज्यों से हैं। इसमें सबसे ज्यादा 12 शहर गुजरात से हैं। इसमें मध्य प्रदेश के 11 व आंध्र प्रदेश के 8 शहर हैं।
अब तक का सबसे बड़ा सरकारी सर्वे
देश के इतिहास में अभी तक किसी एक मसले पर इतने बड़े पैमाने पर सरकार ने पहली बार सर्वे कराया है। इसकी निगरानी क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया ने किया। जनवरी व फरवरी के बीच हुए सर्वे में ऑनलाइन, सर्वे फॉर्म, डाक व मोबाइल ऐप आदि के जरिये 37 लाख से ज्यादा लोगों ने छह सवालों पर अपनी राय दी।इसके अलावा काउंसिल ने भी अपने स्तर पर 18 लाख लोगों की रायशुमारी कराई। साथ ही काउंसिल के 421 सर्वेक्षकों ने 17,500 जगहों की फील्ड विजिट की। 55 विशेषज्ञों ने इस पर निगरानी रखी। खास बात यह कि परिणामों की पुष्टि के लिए जियो-टैग्ड डिवाइस की भी मदद ली गई।