तालिबान ने ठुकरायी अफगान की शांति वार्ता की पेशकश
राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा शांति की पेशकश को ठुकराते हुए तालिबान ने हर साल की तरह इस साल के वसंत में भी अपने हमलों को तेज करने की घोषणा की है। लेकिन इसने अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य बल पर ध्यान देने पर फोकस का वादा किया। तालिबान के अनुसार ‘आपरेशन अल खंदक’ के जरिए वह अमेरिकी सैन्य बलों को निशाना बनाएगा।
आम तौर पर जाड़े में तालिबान की ओर से हमलों का सिलसिला बंद हो जाता है और वसंत में शुरू हो जाता है। हालांकि इस साल तालिबान ने अफगान और अमेरिकी बलों पर हमला जारी रखा था। तालिबान ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी अड्डों की मौजूदगी शांति के सभी मौके को खत्म करती है और जारी जंग लंबी करती है। पश्चिमी और अफगानिस्तान विशेषज्ञों का कहना है कि तालिबान की घोषणा परोक्ष रूप से वार्ता की पेशकश को ठुकराए जाने का संकेत है।
अफगानिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक और काबुल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अहमद सईदी ने कहा कि इस साल वे अफगानिस्तान सरकार को और कमजोर करने की कोशिश करेंगे। वे चुनाव प्रक्रिया को भी पटरी से उतारने का प्रयास करेंगे। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रादमनीश ने तालिबान की घोषणा को केवल दुष्प्रचार करार दिया।