भारत ने पाकिस्तान के आरोपों का दिया करारा जवाब
नई दिल्ली : भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा लगाए गए आतंकी हमले में संलिप्तता जैसे आरोपों का खंडन करते हुए पाक को करारा जवाब दिया है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी ने भारत पर 2014 में पेशावर के स्कूल में हुए आतंकी हमले में शामिल होने का आरोप लगाया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत की दूत एनम गंभीर ने पाकिस्तान के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, चार साल पहले पेशावर के स्कूल पर जानलेवा आतंकवादी हमले से संबंधित यह आरोप बेतुका है। पाकिस्तान की नई सरकार को याद दिलाना चाहूंगी कि भारत में भी 2014 पेशावर हमले की निंदा की गई थी। संसद के दोनों सदन में हमले में मारे गए बच्चों को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई थी। ‘राइट टू रिप्लाई’ के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए संयुक्त राष्ट्र मिशन में भारत की दूत एनम गंभीर ने कुरैशी के आरोपों का मजबूती से खंडन किया। गंभीर ने कहा कि पाकिस्तान भले ही कहे कि उसने आतंकवाद पर नकेल कस दी है, लेकिन सच्चाई यही है कि आतंकी आज भी वहां खुलेआम घूम रहे हैं और लोगों को चुनाव तक लड़वा रहे हैं। गंभीर ने आतंकवादी हाफिज सईद पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या पाकिस्तान यह स्वीकार करेगा कि यूएन से घोषित आतंकी सईद वहां खुलेआम घूमता है। पाकिस्तान मानवाधिकार की बात करता है, लेकिन उसके मुंह से यह बातें खोखली लगती हैं। एनम गंभीर ने कहा, हमने यह भी देखा है कि पाकिस्तान मानवाधिकार की भी बात करता है।लेकिन, वह इस पर अमल नहीं करता। प्रिंसटन के अर्थशास्त्री आतिफ मियां के उदाहरण से इस बात को समझा जा सकता है, उन्हें इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल से सिर्फ इसलिए हटा दिया गया, क्योंकि वह अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखते थे। पाकिस्तान ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठाते हुए कहा कि अनसुलझा विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी शांति हासिल करने पर असर डाल रहा है और यह मानवता के अंत:करण पर धब्बा बना हुआ है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत शांति की वार्ता से पीछे हट रहा है। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ सभी मुद्दों पर बातचीत करना चाहता था, लेकिन नई दिल्ली ने शांति पर राजनीति को तरजीह देते हुए वार्ता रद्द कर दी।