अन्तर्राष्ट्रीय

लश्कर-ए-तैयबा और तहरीक-ए-तालिबान अमेरिका के लिए खतरा

वाशिंगटन : पकिस्तान के दो आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के अतिरिक्त बोको हराम की पहचान अमेरिका के लिये संभावित खतरे के तौर पर की गई है।

व्हाइट हाउस द्वारा जारी आतंकवाद निरोध के लिये राष्ट्रीय रणनीति में कहा गया है कि आईएसआईएस और अल कायदा के अलावा कई अन्य कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादी संगठन स्थानीय रूप से केन्द्रित विद्रोहियों या आतंकवादी अभियानों को बढ़ावा देने के लिये काम कर रहे हैं, जबकि वे अमेरिकी नागरिकों और विदेश में उसके हितों के लिये संभावित खतरा बने हुए हैं। इसके अनुसार, इन संगठनों के अलावा बोको हराम, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा स्थानीय सरकारों को कमजोर करने और हमले करने के लिये राजनीतिक एवं आतंकवादी हथकंडा अपना रहे हैं। रणनीति के अनुसार सीमित संसाधन या राजनीतिक कारणों के चलते ये संगठन अमेरिकी सरजमीं या अमेरिकी हितों के खिलाफ हमले की जगह संभवत: क्षेत्रीय लक्ष्यों को प्राथमिकता देंगे। रणनीति के अनुसार, इनमें से कई संगठन अमेरिका के लिये खतरा बने हुए हैं हालांकि वे दुनियाभर में अपने समर्थकों का नेटवर्क बनाये रखने में कामयाब भी रहे हैं और आईएसआईए या अलकायदा के साथ उनके संबंध बरकरार हैं जो अमेरिकी हितों के लिये उनके संभावित खतरे को रेखांकित करते हैं। रणनीति में कहा गया है कि कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादी अमेरिका और उसके अहम राष्ट्रीय हितों के लिये प्राथमिक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी बने हुए हुए हैं। इसके अनुसार प्रमुख आतंकवादी संगठन खासकर आईएसआईएस और अलकायदा ने बार-बार अमेरिका और उसके हितों पर हमले की अपनी मंशा जाहिर की है। ये संगठन नये हमलों को अंजाम देने की साजिश रचते रहते हैं और इन्होंने अमेरिका के अंदर अतिसंवेदनशील लोगों को हिंसक अपराध करने के लिये उकसाया।

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