चेन्नै: बहुत ही दुःखद समाचार है की देश का वह व्यक्ति जिसने देश को ९०० आईएएस एफिशर दिए, लेकिन किन्ही कारणों वश शंकर देवराजन ने फँसी लगा ली है। शंकर आईएएस अकैडमी के फाउंडर और सीईओ प्रफेसर शंकर देवराजन ने 45 साल की उम्र में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनका शव चेन्नै के माइलपुर में उनके निवास पर मृत पाया गया। शंकर देवराजन के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक उन्होंने निजी कारणों से आत्महत्या की है। बता दें कि देवराजन तमिलनाडु में शंकर आईएएस अकैडमी के लिए मशहूर थे। जिसकी शुरुआत साल 2004 में की गई। पड़ोसी गुरुवार देर रात शंकर को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने कहा कि आत्महत्या से पहले शंकर का अपनी पत्नी से झगड़ा हुआ था।साल 2004 से अब तक उनकी अकैडमी ने 900 से ज्यादा सिविल सर्वेंट दिए हैं। छात्रों के बीच शोक का माहौल है। शंकर देवराजन ने 2004 में अन्ना नगर, चेन्नै में शंकर आईएएस अकैडमी की शुरुआत की थी। ये राज्य की पहली अकैडमी थी जिसका लक्ष्य आईएएस और आईपीएस उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करना है। अकैडमी में खासतौर पर पिछड़े समुदायों के लोगों पर खास ध्यान दिया जाता था। ताकि वह भविष्य में सफलता हासिल कर सकें। शंकर देवराजन के परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। कृष्णगिरी के रहने वाले शंकर एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते थे जिनका परिवार खेती करता था।