जीवनशैली

पानी की एक बूँद में होते हैं सैकड़ो कीटाणु, बरतें सावधानियाँ नहीं होंगे बीमार

हमारे जीवन में पानी बहुत ही महत्व रखता है, अगर हम दो दिन खाना न खाएं तो चल सकता है लेकिन अगर पानी न पियें तो हम जीवित नहीं रह सकते हैं। यही कारन हैं की लोग “जल ही जीवन है” यह कहते हैं। यह सत्य भी है, पानी एक ऐसा पेय पदार्थ है जिसे दुनिया में सबसे ज्यादा पिया जाता है। ‘जल ही जीवन है’ ये बात हम लोग बचपन से सुनते आए हैं। लेकिन ‘जल में जीवन’ है क्या इस बात को आपने कभी सुना है। जी हां दोस्तों, पानी में भी जिंदा प्राणी होते हैं। पानी की एक बूंद में सैंकड़ों जिंदा जीवाणु होते हैं जो हमें अपनी आंखों से दिखाई नहीं देते हैं। इन जीवाणुओं को माइक्रोस्कोप के जरिए आसानी से देखा जा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पानी में कौन-कौन से जीवाणु मौजूद होते हैं और क्या आप जानते हैं कि ये जीवाणु शरीर के लिए कितने खतरनाक साबित होते हैं… नहीं, तो आइए जान लेते हैं। दरअसल पानी में बैक्टीरिया, वायरस, फंगस, काई, आर्किया और एककोशी जीव मौजूद होते हैं। पानी में रहकर ये जीव अपना खाना तैयार करते हैं, पानी में तैरते हैं, रिप्रोड्यूस करते हैं। ये जीव पानी में रहकर ही खुद की संख्या को विकसित करते रहते हैं। पानी में इनका आकार भी अलग-अलग होता है। हालांकि हम अपनी नंगी आखों से इनको पानी में देख ही नहीं सकते हैं। वहीं ऐसा भी देखा गया है कि एक पानी की बूंद में 10 मिलियन वायरस, 1 मिलियन बैक्टीरिया और 1 हजार काई और एककोशी जीव मौजूद होते हैं। अगर ऐसे दूषित पानी को पीएंगे तो कई बीमरियां हमें चपेट में ले सकती हैं। ये बीमारियां पानी में रहने वाले इन्हीं छोटे-छोटे जीवाणुओं के कारण होती हैं, जो पानी के साथ हमारे शरीर में आ जाते हैं। ऐसे पानी की वजह से होने वाली बीमारियों के कई कारक हो सकते हैं। जिनमें वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और पेट में होने वाले रिएक्शन प्रमुख हैं। गंदा पानी पीने से बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है, जिसकी वजह से हैजा, टाइफाइड, पेचिश जैसी बीमारियां आसानी से किसी को भी अपना शिकार बना सकती हैं। इसके अलावा गंदा पानी पीने से वायरल इंफेक्शन भी हो सकता है। वायरल इंफेक्शन के कारण हेपेटाइटिस ए, फ्लू, कॉलरा, टायफाइड और पीलिया जैसी खतरनाक बीमारियां होती हैं। इससे कई संक्रामक बीमारियां भी फैलती हैं। ये बीमारियां हाथ मिलाने, गले लगने, एक-दूसरे का रूमाल इस्तेमाल में करने और एक साथ खाना खाने से फैलती हैं। इनमें बुखार, पेचिश, हैज और आइफ्लू और आंख आने जैसी बीमारियां भी प्रमुख है।
पानी साफ कैसे करें…
वैसे तो पानी को साफ और पीने योग्य बनाने के लिए अब ढेरों तरीके मौजूद हैं, पर पानी को साफ करने का सबसे पुराना तरीका उसे उबालना है। दुनिया भर में इस परपंरागत तरीके को लाखों लोग अपनाते हैं। पानी को पूरी तरह से स्वच्छ और कीटाणु रहित बनाने के लिए कम-से-कम उसे 20 मिनट उबालना चाहिए और उसे ऐसे साफ कंटेनर में रखना चाहिए, जिसका मुंह संकरा हो ताकि उसमें किसी प्रकार की गंदगी न जाए। वहीं आरओ सिस्टम से भी पानी को साफ किया जा सकता है। ओरओ सिस्टम पानी को पांच चरणों में साफ करता है और उसे गंदगी, धूल, बैक्टीरिया आदि से मुक्त कर शुद्ध और मीठा बनाता है। आरओ प्रक्रिया में पानी को कई महीन झिल्लियों से गुजारा जाता है और इसके बाद पानी में मौजूद सभी बैक्टीरिया और रसायन बाहर निकल जाते हैं। ये सारी महीन झिल्लियां बिजली से संचालित होती हैं और इनसे गुजरने के बाद गंदे से गंदा पानी भी पीने योग्य बन जाता है।

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