लोकसभा के स्पीकर बन सकते हैं ओम बिरला, कोटा से तीसरी बार चुने गए सांसद…
राजस्थान से चुन कर आए बीजेपी सांसद ओम बिरला लोकसभा के नए अध्यक्ष होंगे. सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उनका नाम सोमवार को ही तय कर लिया था. कोटा-बूंदी से सांसद ओम बिड़ला, तीन बार विधायक और तीसरी बार सांसद चुने गए हैं. उल्लेखनीय है कि मंगलवार को सांसदों का शपथ-ग्रहण होने के बाद लोकसभा स्पीकर का चुनाव होना है.
17वीं लोकसभा का प्रथम सत्र शुरू
इस बीच सत्रहवीं लोकसभा का प्रथम सत्र सोमवार को उत्साह के माहौल के बीच शुरू हुआ तथा सत्ता पक्ष के सदस्यों ने बीच-बीच में ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाये. पहले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्रियों तथा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित 21 राज्यों के 200 से अधिक नवनिर्वाचित सदस्यों ने निचले सदन की सदस्यता की शपथ ली.
बैठक शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ने विपक्ष को साधने का प्रयास करते हुए कहा कि उन्हें अपनी संख्या को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है और उनका हर शब्द सरकार के लिए ‘‘मूल्यवान’’ है. मोदी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में सभी सांसदों से सदन में निष्पक्ष होने और देश के व्यापक हित से जुड़े विषयों पर ध्यान देने का आग्रह किया.
निचले सदन की बैठक राष्ट्रगान की धुन बजाई जाने के साथ शुरू हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन के नेता होने के नाते सबसे पहले शपथ ली. उन्होंने हिंदी में शपथ ली. शपथ लेने के लिए लोकसभा महासचिव ने जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी का नाम पुकारा, सदस्यों ने मेजें थपथपाकर उनका स्वागत किया. भाजपा के सदस्यों ने ‘‘मोदी..मोदी’’ और ‘‘भारत माता की जय’’ के नारे भी लगाये.
प्रधानमंत्री मोदी के बाद पीठासीन अध्यक्षों के पैनल में शामिल कांग्रेस के के. सुरेश, बीजद के बी महताब और भाजपा के ब्रजभूषण शरण सिंह ने शपथ ली. सुरेश और सिंह ने हिंदी तथा महताब ने उड़िया में शपथ ली. इन तीनों सदस्यों के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी सहित मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों ने भी शपथ ली.
प्रधानमंत्री और अधिकतर मंत्रियों ने हिंदी में शपथ ली, वहीं हर्षवर्धन, श्रीपद नाइक, अश्वनी कुमारी चौबे और प्रताप सारंगी ने संस्कृत भाषा में शपथ ली. डी वी सदानंद गौड़ा और प्रहलाद जोशी ने कन्नड में शपथ ली, वहीं हरसिमरत कौर बादल ने पंजाबी में शपथ ली. केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत, रावसाहब दानवे पाटिल ने मराठी में शपथ ली, वहीं जितेंद्र सिंह ने डोगरी, बाबुल सुप्रियो ने अंग्रेजी, रामेश्वर तेली ने असमिया और देबश्री चौधरी ने बांग्ला में शपथ ली.
सुबह बैठक शुरू होने के समय संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव, नेशनल कान्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और द्रमुक नेता कनिमोई तथा ए राजा उपस्थित थे. सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सदस्यों ने परंपरा के अनुसार 17वीं लोकसभा की पहली बैठक के ‘‘पुनीत अवसर’’ पर कुछ मिनट का मौन रखा.
राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस दौरान सदन में उपस्थित नहीं थे. वह भोजनावकाश के बाद सदन में पहुंचे और केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र के सदस्य के रूप में उन्होंने शपथ ली. राहुल ने अंग्रेजी में शपथ ली. सदन की बैठक शुरू होने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वीरेंद्र कुमार को राष्ट्रपति भवन में कार्यवाहक लोकसभा अध्यक्ष की शपथ दिलाई. अनेक सदस्यों ने अपनी मातृभाषा में शपथ ली. आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के अधिकतर सांसदों ने तेलुगु में, असम के ज्यादातर सदस्यों ने असमिया में, गुजरात के अधिकतर सदस्यों ने गुजराती में और ओडिशा के अधिकतर सदस्यों ने उड़िया में शपथ ली.
स्मृति ईरानी
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का नाम शपथ के लिए पुकारे जाने के बाद भाजपा के कई सदस्यों ने जोरदार ढंग से मेजें थपथपाईं. ईरानी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी से हराकर लोकसभा पहुंची हैं. इसी तरह मध्य प्रदेश के गुना से कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले के पी यादव के शपथ लेने के दौरान भी सदस्यों ने देर तक मेजें थपथपाईं.
पश्चिम बंगाल कोटे से मंत्रियों बाबुल सुप्रियो और देबश्री चौधरी के नाम शपथ के लिए पुकारे जाने के बाद भाजपा सदस्यों ने ‘जयश्री राम’ के नारे लगाए. गौरतलब है कि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘जयश्रीराम‘ के नारे लगाए थे जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई थी.
बिहार से भाजपा के गोपालजी ठाकुर और अशोक कुमार यादव ने मैथिली में शपथ ली. बिहार से भाजपा सदस्य निर्वाचित हुए जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने भोजपुरी में शपथ लेने की इच्छा प्रकट की, लेकिन लोकसभा महासचिव ने बताया कि भोजपुरी भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में नहीं है. इसी तरह मध्य प्रदेश से चुनकर आये जनार्दन मिश्रा ने बघेली भाषा में शपथ पढ़ना शुरू किया तो उन्हें भी हिंदी में शपथ लेने को कहा गया क्योंकि बघेली भाषा भी आठवीं अनुसूची में नहीं है.
सदन में आज कई सदस्यों ने संस्कृत भाषा में भी शपथ ली. केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन के अलावा मीनाक्षी लेखी और रमेश बिधूड़ी ने संस्कृत में शपथ ली. गौतम गंभीर ने अंग्रेजी में शपथ ली. पूर्व क्रिकेटर सफेद कुर्ता पजामा पहनकर सदन पहुंचे थे. गुजरात से पर्बत भाई पटेल, महेंद्र मुंजीपरा, देबू सिंह चौहान, सी आर पाटिल, हरियाणा से सुनीता दुग्गल, अरविंद कुमार शर्मा और झारखंड के निशिकांत दुबे आदि ने भी संस्कृत में शपथ ली.
मध्य प्रदेश के इंदौर से निर्वाचित हुए शंकर लालवानी ने सिंधी में शपथ ली. भोपाल से निर्वाचित हुईं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपने नाम के साथ पूर्णचेतनानंद अवधेशानंद गिरि भी जोड़ा तो कांग्रेस के सदस्यों ने आपत्ति जताई. इस पर पीठासीन कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने आश्वासन दिया कि ठाकुर का जो नाम प्रमाणपत्र में होगा, वही रिकार्ड में जाएगा. उन्होंने भी संस्कृत में शपथ ली.
भाजपा समेत सत्तापक्ष के कुछ सदस्य अपनी शपथ के अंत में भारत माता की जय बोल रहे थे. इस पर आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने आपत्ति जताते हुए कहा कि शपथ-पत्र का एक प्रारूप और प्रक्रिया होती है, उसी अनुसार शपथ ली जानी चाहिए. इस पर पीठासीन वीरेंद्र कुमार ने सदस्यों से केवल शपथ-पत्र को ही पढ़ने को कहा. उनकी इस व्यवस्था का संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया.
आसन से आयी व्यवस्था के बाद भले ही शपथ लेने वाले सदस्यों ने यह नारा लगाना बंद कर दिया किंतु सत्ता पक्ष के अन्य सदस्य दूसरे सदस्यों के शपथ लेने के बाद ‘‘भारत माता की जय’’ का नारा अंत तक लगाते रहे. प्रधानमंत्री मोदी भोजनवकाश से पहले सदन में काफी समय तक बैठे रहे. उन्हें सदन के उप नेता राजनाथ सिंह के साथ कई बार बात करते हुए देखा गया. सिंह को सदन में भोजनावकाश के बाद भी देर तक बैठे हुए देखा गया. सदन में लोजपा प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान को भी लगातार काफी समय बैठे देखा गया.
सदन में सोमवार को आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, ओडिशा, अंडमान निकोबार और दमन दीव समेत 20 से ज्यादा राज्यों के 200 से ज्यादा सदस्यों ने शपथ ली