मुंबईः महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के 18 ऐसे जिलों में कोविड-19 संबंधी पाबंदियों में शुक्रवार से ढील देने की घोषणा की है, जहां संक्रमण दर और अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की जरूरत वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है।
आपदा प्रबंधन मंत्री विजय वडेत्तिवार ने बृहस्पतिवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक के बाद यह घोषणा की। मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिए अप्रैल में लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगायी गई थीं। उन्होंने कहा कि राज्य के 18 ऐसे जिलों में अब पाबंदियों में ढील दी जाएगी जहां संक्रमण की दर पांच प्रतिशत अथवा उससे कम है और अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुविधा वाले 75 प्रतिशत बिस्तर खाली हों।
जिन 18 जिलों में पाबंदियों में ढील दी जाएगी उनमें औरंगाबाद, भंडारा, बुलढाणा, चंद्रपुर, धुले, गढ़चिरौली, गोंदिया, जलगांव, जालना, लातूर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, यवतमाल, वाशिम, वर्धा, परभणी और ठाणे शामिल हैं। इन जिलों में शुक्रवार से सभी प्रकार की पाबंदियों को हटा लिया जाएगा। मुंबई में आंशिक रूप से पाबंदियों में ढील दी जाएगी, लेकिन मायानगरी की लाइफलाइन कही जाने वाले लोकल ट्रेन सेवा को अभी फिलहाल आम लोगों के लिए नहीं खोला जाएगा।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस महामारी से उपजे हालात के मद्देनजर इस साल 10वीं और 12वीं की राज्य बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। मंत्री विजय वडेट्टीवार ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। राहत एवं पुनर्वास मंत्री वडेट्टीवार ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 10वीं और 12वीं की राज्य बोर्ड की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। उन्होंने कहा, ”मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के नाम अपने पिछले संबोधन के दौरान इसके संकेत दे दिये थे। आज औपचारिक निर्णय लिया गया।” गौरतलब है कि दो दिन पहले केन्द्र ने कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए 12वीं की सीबीएसई की परीक्षाएं रद्द कर दी थीं।
महाराष्ट्र में इससे पहले कोविड-19 मामलों में वृद्धि के चलते 10 कक्षा की (एसएससी) बोर्ड की परीक्षाएं रद्द कर दी गई थीं, लेकिन इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया गया था। मंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने परीक्षाएं रद्द करने का विरोध किया, लेकिन मुख्यमंत्री ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और अन्य संबंधित अधिकारियों से साथ बैठक में परीक्षाएं रद्द करने का फैसला लिया गया। स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने बुधवार को कहा था कि इन परीक्षाओं पर अंतिम फैसला लेने के लिये राज्य के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को एक प्रस्ताव भेजा गया है।