राजनीति

राहुल गांधी पर एक्शन, ट्विटर के बाद फेसबुक और इंस्टाग्राम ने हटाया पोस्ट

ट्विटर के बाद अब फेसबुक ने भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का विवादित पोस्ट हटा दिया है. फेसबुक इंस्टाग्राम ने दिल्ली की उस नाबालिग लड़की पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पोस्ट को हटा दिया है, जिसके साथ इस महीने की शुरुआत में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार हत्या कर दी गई थी. सूत्रों की मानें तो सोशल मीडिया मंच ने राहुल गांधी के पोस्ट को अपनी नीतियों का उल्लंघन करार देते हुए यह कदम उठाया है. फेसबुक ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) को सूचित किया, जिसने इस संबंध में राहुल गांधी के पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए नोटिस जारी किया था. सूत्रों ने कहा कि फेसबुक इंस्टाग्राम ने राहुल गांधी के पोस्ट को हटा दिया है एनसीपीसीआर को सूचित कर दिया है.

बता दें कि इंस्टाग्राम फेसबुक के स्वामित्व वाली इकाई है. कुछ दिनों पहले ही फेसबुक ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा था कि वे इंस्टाग्राम से अपना पोस्ट हटाएं. 17 अगस्त को राहुल गांधी को फेसबुक ने एक नोटिस जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि एनसीपीसीआर के 10 अगस्त के नोटिस के अनुसार, आपके द्वारा अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के माध्यम से अपलोड की गई एक पोस्ट किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 74, पोक्सो अधिनियम, 2012 की धारा 23 भारतीय दंड की धारा 288ए के तहत गैरकानूनी है. कोड (आईपीसी) एनसीपीसीआर के नोट के अनुसार, आपसे अनुरोध है कि इस पोस्ट को जल्द से जल्द हटा दें.

लेकिन राहुल गांधी की तरफ से कोई जवाब नहीं आने पर एनसीपीआर ने फिर से फेसबुक को फटकार लगाया पेश होने का निर्देश दिया. जिसके बाद फेसबुक ने शुक्रवार को राहुल गांधी का वो पोस्ट डिलीट कर दिया. फेसबुक ने कहा कि हमने इसे हटाने का कदम उठाया क्योंकि इससे हमारी नीतियों का उल्लंघन होता है.
बता दें कि 4 अगस्त को एनसीपीसीआर ने ट्विटर से इसी मामले में राहुल गांधी के अकाउंट को लेकर कार्रवाई करने के लिए कहा था. इसके बाद ट्विटर ने कांग्रेस नेता का अकाउंट बंद कर दिया था, हालांकि शनिवार को उनका अकाउंट बहाल कर दिया गया.

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने हाल ही में बच्ची के माता-पिता की तस्वीर साझा की थी परिवार के लिए न्याय की मांग में साथ खड़े रहने का ऐलान किया था. राहुल गांधी ने 4 अगस्त को पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के लिए उनसे मुलाकात की थी. उन्होंने उन्हें मदद का आश्वासन दिया 11 अगस्त को संपन्न संसद के मानसून सत्र के दौरान इस मामले को उठाया.

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