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पंजाब में सुनियोजित तरीके से हुई पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक : अमरिंदर

चंडीगढ़: पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) के प्रमुख अमरिंदर सिंह ने पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मसले पर शुक्रवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर तीखा हमला बोला। सिंह ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चन्नी सरकार ने ही पीएम की सुरक्षा में हुई चूक को अच्छे से प्रबंधित (मैनेज) किया था। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने नाकाबंदी को स्पष्ट रूप से प्रबंधित किया था, जिसके कारण गंभीर सुरक्षा चूक हुई।

इस महीने की शुरूआत में राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान कुछ लोगों के उनके काफिले के करीब आ जाने के कारण बीच सड़क पर उनका काफिला रोक दिया गया था। वह कई मिनटों तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे थे, जिससे उनकी सुरक्षा में गंभीर चूक हुई थी। इसे लेकर अमरिंदर ने एक बार फिर चन्नी पर निशाना साधा है। अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने पहले उसी पुल (फ्लाईओवर) को पार किया था, जहां प्रधानमंत्री लंबे समय से फंसे हुए थे और तब तो वहां कोई नाकाबंदी नहीं थी।

5 जनवरी को, फिरोजपुर में प्रधानमंत्री की रैली को सुरक्षा चूक के कारण रद्द करना पड़ा था, क्योंकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने एक मार्ग को अवरुद्ध कर दिया और उनके काफिले को एक फ्लाईओवर पर लगभग 20 मिनट बिताना पड़ा। घटना के वक्त प्रधानमंत्री हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक जा रहे थे। अमरिंदर सिंह ने कहा, जाहिर तौर पर चन्नी सरकार ने पुलिस को निर्देश दिया था कि बीजेपी की बसों को मौके पर पहुंचने से रोक रहे किसानों को नहीं हटाया जाए।

इस घटना को एक बड़ी सुरक्षा चूक बताते हुए, जिसका सामना किसी भी संवैधानिक प्रमुख को नहीं करना चाहिए और जो आसानी से अंतरराष्ट्रीय सीमा से निकटता को देखते हुए प्रधानमंत्री के जीवन के लिए खतरा बन सकता था, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चन्नी को कड़ा रुख अख्तियार करने के बजाय स्पष्ट रूप से माफी मांगनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, हम एक संवेदनशील सीमावर्ती राज्य हैं और पाकिस्तान की आईएसआई हमेशा यहां परेशानी पैदा करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि यह देखते हुए तो कोई भी कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए। अमरिंदर सिंह ने यह भी कहा कि हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के बाद मुख्यमंत्री चन्नी के परिजनों के परिसरों से करोड़ों रुपये का पता लगाने के बाद मौजूदा सरकार को सूटकेस दी सरकार के रूप में उजागर किया गया है। सोशल मीडिया पर बातचीत में अमरिंदर सिंह ने कहा कि चन्नी के परिजनों से ईडी की जब्ती उस मामले पर एक अनुवर्ती (फॉलो-अप) कार्रवाई है, जिसे एजेंसी ने तब दर्ज किया था, जब उन्होंने सरकार का नेतृत्व करते हुए जांच का आदेश दिया था।

अमरिंदर सिंह ने कहा कि दुर्भाग्य से वह राज्य में अवैध खनन में शामिल कांग्रेस विधायकों के खिलाफ कोई गंभीर कार्रवाई करने में असमर्थ रहे, क्योंकि इससे पार्टी के हितों को नुकसान होता, जबकि सोनिया गांधी उनके इस सवाल का जवाब देने में विफल रहीं कि वह किस मंत्री या विधायक को इस मुद्दे पर बर्खास्त करना चाहती हैं। चन्नी को पूरी तरह विफल करार देते हुए पीएलसी प्रमुख ने कहा कि नए मुख्यमंत्री ने पदभार संभालने के बाद से पोस्टिंग और तबादलों में लिप्त रहने के अलावा कुछ नहीं किया है।

उन्होंने कहा, तीन डीजीपी बदले गए हैं, उनके गृह मंत्री पर उनके सहयोगी द्वारा कैबिनेट बैठक में खुले तौर पर आरोप लगाया गया है कि एसएसपी की पोस्टिंग के लिए पैसे लिए जा रहे हैं और एजी के पद को लेकर भी रस्साकशी हुई है। यह लोकां दी सरकार (लोगों की सरकार) नहीं है। जबकि ट्रांसफर पोस्टिंग दी सरकार है, जो अब सूटकेस दी सरकार भी हो गई है।

अमरिंदर सिंह ने कृषि ऋण माफी, घर-घर रोजगार योजना के तहत नौकरियां, पंजाब में निवेश, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा आदि के उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा, यहां तक कि चन्नी द्वारा की गई घोषणाएं और कुछ नहीं बल्कि मेरे द्वारा लॉन्च या घोषित की गई परियोजनाएं हैं। अमरिंदर सिंह ने आगे कहा कि वित्त मंत्री के रूप में मनप्रीत बादल ने धन नहीं होने का दावा करके उनकी कई योजनाओं और योजनाओं को विफल कर दिया था, जो अब प्रतीत होता है कि यह तो पूरी तरह से एक झूठ था।

यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस का कोई भी विधायक पीएलसी में क्यों शामिल नहीं हो रहा है, अमरिंदर सिंह ने कहा कि वे केवल अपनी पार्टी के टिकटों की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें जानबूझकर देरी की जा रही है, क्योंकि कांग्रेस दलबदल से डर रही है।

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