हर बच्चे में होता है कुछ नया कर दिखाने का जज्बा : डा.जगदीश गांधी
लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) द्वारा आज ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का भव्य आयोजन विद्यालय के ऑडिटोरियम में किया गया। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का विधिवत् शुभारम्भ किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में डा. गांधी ने कहा कि प्रत्येक बच्चे में कुछ नया कर दिखाने का जज्बा होता है। आज का बालक एक वैज्ञानिक युग में जी रहा है। विज्ञान की तेज प्रगति व विश्वव्यापी सोच ने प्रत्येक बालक में कुछ नया कर दिखाने का जज्बा भर दिया है। यदि इन्हें सही समय पर उचित शिक्षा व जीवन मूल्य प्रदान किये जायें तो यही बच्चे आगे चलकर देश का नाम पूरे विश्व में रोशन करेंगे।
इस अवसर पर सी.एम.एस. छात्रों ने ईश्वरीय भक्ति से परिपूर्ण अपने गीत-संगीत से ऐसा समां बाँधा कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये। प्रार्थना नृत्य ने सबका मन मोह लिया। समारोह में विभिन्न प्रतियोगिताओं व वार्षिक परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया। सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) की वरिष्ठ प्रधानाचार्या मंजीत बत्रा ने कहा कि सी.एम.एस. एक अलग तरह का स्कूल है। यहाँ छात्रों की जिज्ञासा को नये पंख दिये जाते हैं और उनकी कल्पना शक्ति को विकसित कर सच्चाई में परिवर्तित किया जाता है। इस अवसर पर प्रधानाचार्या संगीता बनर्जी ने अभिभावकों के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया।
सीएमएस राजेन्द्र नगर कैम्पस के मेधावी छात्र पुरष्कृत
लखनऊ। शनिवार को सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने सी.एम.एस. राजेन्द्र नगर (द्वितीय) कैम्पस के उन मेधावी छात्रों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया जिन्होंने वार्षिक परीक्षा में टॉप किया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं में विद्यालय का गौरव बढ़ाने वाले छात्रों एवं साँस्कृतिक कार्यक्रमों व खेलकूद में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभाशाली छात्रों को भी विशेष रूप से पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया। इन सभी छात्रों को आज विद्यालय द्वारा सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम में आयोजित ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ में सार्वजनिक तौर पर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सी.एम.एस. राजेन्द्र नगर (द्वितीय कैम्पस) की प्रधानाचार्या शमीम सिंह ने कहा कि एक सामाजिक संस्था के रूप में स्कूल का उत्तरदायित्व सबसे अधिक महत्वपूर्ण एवं व्यापक है। स्कूल पर बालक को एक अच्छा इंसान बनाने की जिम्मेदारी होती है और यह पुनीत कार्य अभिभावकों के सहयोग से ही संभव है।