अलीगढ़ में दलित परिवार पलायन को मजबूर, जानिए वजह
अलीगढ़ : उत्तर प्रदेश (Uttarpradesh) में पलान जैसे मामले कोई नए नहीं है यहां समय समय पर इस तरह के विपक्ष मुद्दा उठाता रहता है। उत्तर प्रदेश (Uttarpradesh) में विधानसभा सत्र (Vidhan sabha satra pradesh) शुरू होने से पहले ही पलायन का मुद्दा गरमाने लगा है।
बता दें कि यूपी के अलीगढ़ में सांगवान सिटी में दबंगों से परेशान होकर करीब 80 से 85 दलित (Dalit) परिवार मकान बेचना चाहते हैं। दलितों ने अपने घरों पर यह मकान बिकाऊ है और उत्पीड़न से पलायन को मजबूर दलित के पोस्टर भी लगा दिए हैं। मामला थाना महुआ खेड़ा क्षेत्र का बताया जा रहा है। यहां 6 दर्जन से ज्यादा दलित परिवारों ने अपने घर के आगे ‘मकान बिकाऊ है’ के बैनर लगा लिए हैं।
उनका दावा है कि वो पलायन करने को मजबूर हैं। दलितों ने आरोप लगाया है कि वो बिल्डर के उत्पीड़न से परेशान हैं। कॉलोनी का बिल्डर दलितों के कार्यक्रम वहां बने पार्कों में नहीं होने देता! कॉलोनी के लोगों ने आरोप लगाया है कि दलितों के होने वाले कार्यक्रम बिल्डर नरेंद्र सागवान कॉलोनी में बने पार्कों में नहीं होने देते हैं। आरोप है कि 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में कॉलोनी के लोग पार्क में एक भंडारा करने जा रहे थे, लेकिन बिल्डर ने भंडारा नहीं होने दिया।
लोगों का कहना है कि ‘जिस कार्यक्रम को देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी धूमधाम से मनाते हैं, उस कार्यक्रम को बिल्डर नहीं मनाने दे रहा है, जबकि कॉलोनी में बने पार्कों का भी हम चार्ज देते हैं। वहीं 14 अप्रैल को बिल्डर ने पुलिस की मिलीभगत से कार्यक्रम के लिए पार्क में लगाए गए टेंट को भी हटा दिया था, इसके बाद हम लगातार पुलिस और अन्य अधिकारियों के पास गए। अभी तक पूरे मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है, इन तमाम बातों से मजबूर होकर हम लोगों ने अपने घर के बाहर यह बैनर पोस्टर लगाए हैं। ‘