रूबिया सईद ने की अपहरणकर्ता के तौर यासीन मलिक की पहचान
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद ने जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक की पहचान अपहरणकर्ता के तौर पर की है. 1989 में हुए अपहरण कांड की सुनवाई के मामले में पहली बार रूबिया सईद कोर्ट के सामने पेश हुई थीं. अदालत में रुबिया ने बताया कि 1989 में यासीन मलिक और तीन लोगों के साथ मिलकर उनका अपहरण किया था.
बता दें कि इस अपहण की खबर से पूरे देश में हड़कंप में मच गया था. रूबिया को छुड़ाने के लिए उस समय 5 दुर्दांत आतंकवादियों को बदले में रिहा करना पड़ा था. 1990 से इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने इस मामले में रूबिया को गवाह बनाया था. आतंकवादियों को फंडिंग के अपराध में यासीन मलिक इस समय उम्रकैद की सजा काट रहा है.
जम्मू-कश्मीर में 90 के दशक में आतंकवाद अपने चरम पर था. उसी समय तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद रूबिया सईद की बेटी का अपहरण हो गया. मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्म-कश्मीर के बड़े नेता थे और वो बाद में मुख्यमंत्री भी बने. लेकिन 1989 में केंद्रीय गृहमंत्री की बेटी के अपहरण की खबर ने पूरे देश के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था. केंद्रीय गृहमंत्री की बेटी को छुड़ाने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी. बाद में रूबिया को छुड़ाने के लिए सरकार को 5 आंतकवादियों को छोड़ना पड़ा. इस पूरे कांड में जेकेएलएफ का सरगना यासीन मालिक मास्टरमाइंड था जो घाटी में अलगाववाद फैला रहा था.
यासीन मलिक इस समय आतंकवादियों को फंडिंग के अपराध में उम्रकैद की सजा काट रहा है. हालांकि उसके ऊपर और बड़ी घटना को अंजाम देने के आरोप में मुकदमा चल रहा है. जनवरी 1990 को श्रीनगर के रावलपोरा में हुए आतंकी हमले से संबंधित है. वायु सेना के कर्मचारियों पर आतंकवादियों द्वारा गोलीबारी की गई, जिसमें एक महिला सहित 40 को गंभीर चोटें आईं थीं और वायुसेना के चार जवान शहीद हो गए थे.