अन्तर्राष्ट्रीय

रूस ने यूक्रेन पर फिर बरसाए मिसाइल, बिजली आपूर्ति को बना रहा निशाना

कीव : रूस ने पिछले कुछेक दिनों के बाद सोमवार को यूक्रेन पर मिसाइलों की नई बौछार कर दी, जिसके बाद देश भर में लोगों को बंकरों में शरण लेना पड़ी। इस दौरान हवाई रक्षा कार्रवाई भी की गई। राजधानी कीव और पूर देश में हवाई हमलों के सायरन बजने लगे। इस बीच पूर्वी यूक्रेन में रूसी कब्जे वाले शहर अलचेवस्क में यूक्रेनी गोलाबारी के बाद नौ लोग मारे गए। देश भर में बिजली आपूर्ति को बाधित करने के लिए इस हमले को अंजाम दिया गया। इस हमले से यूक्रेन के संकटग्रस्त बुनियादी ढांचे पर दबाव और बढ़ गया है।

सोमवार को गत 24 फरवरी को रूस द्वारा छेड़े गए युद्ध के बाद से रूसी मिसाइलों की एक नई लहर यूक्रेनी शहरों पर छोड़ी गई। यूक्रेन ने इन हमलों को अब तक के बहुत गंभीर और बड़े हमलों में से एक बताया है। वायु सेना के प्रवक्ता यूरी इहनाट ने कहा, मिसाइल पहले ही लॉन्च किए जा चुके हैं। किसी भी नुकसान या हताहतों की तत्काल कोई सूचना नहीं थी, लेकिन यूक्रेनी मीडिया द्वारा अधिकारियों को यह कहते हुए उद्धृत किया कि कुछ क्षेत्रों में विस्फोटों को सुना जा सकता है। इस दौरान सहायता रक्षा प्रणाली को भी सक्रिय किया गया लेकिन कई जगह बड़े धमाके भी हुए हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति क कर्मचारियों के प्रमुख एंड्री यरमक ने लोगों से अपील की है कि वे अलार्म की अनदेखी कतई न करें, क्योंकि रूसी सेना के हाथ से कुछ बड़े शहर छीन लिए जाने के बाद वह बड़े हमले भी कर सकती है। इस बीच, रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने बताया कि यूक्रेन के पूर्वी लुहांस्क क्षेत्र में रूसी समर्थित सैन्य अधिकारियों ने कहा कि सोमवार को यूक्रेन द्वारा अलचेवस्क शहर पर गोलाबारी का गई जिसमें नौ लोग मारे गए हैं। रूस ने इसे गंभीरता से लिया है।

रूसी सेना ने हाल की सप्ताहों में यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों को तेजी से निशाना बनाया है। इस कारण देश की बिजली व्यवस्था पहले ही खराब हो चुकी है। देशभर में सर्दियों के शुरू होते ही बिजली की कटौती के चलते काफी परेशानी बढ़ गई है। खासतौर पर घरों को गर्म करने के उपकरण किसी काम नहीं आ रहे और लोग ठंड से ठिठुरने को मजबूर हैं। जबकि लकड़ियों के दाम आसमान छू रहे हैं।

फरवरी में यूक्रेन पर रूसी हमलों की शुरुआत के कुछ ही घंटे बाद देश के दक्षिणी हिस्से में एक बाल अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों ने गोपनीय तरीके से बच्चों को बचाने की योजना (Plan) बनाना शुरू कर दिया था। उस समय रूसी लोगों पर अनाथ बच्चों को बंधक बनाकर उन्हें रूस भेजने का शक था और इसलिए खेरसान शहर में बच्चों के एक अस्पताल के कर्मियों ने अनाथ बच्चों के चिकित्सा रिकॉर्ड में हेरफेर करना शुरू कर दिया ताकि लगे कि वे बहुत बीमार हैं और उन्हें यहां से ले जाना सही नहीं है। डॉ. ओल्गा पिलयारस्का ने कहा, हमने जानबूझकर गलत जानकारी लिखी कि बच्चे बीमार हैं और उन्हें यहां से भेजा नहीं जा सकता। इस बीच रूस के आठ महीने तक खेरसान में कब्जे के दौरान इस क्षेत्र में स्कूलों और अनाथालयों से कम से कम 1,000 बच्चों को बंधक बनाया गया।

रूस के कच्चे तेल (Crude oil) के लिए 60 डॉलर प्रति बैरल की मूल्य सीमा (प्राइस कैप) नीति सोमवार से लागू हो गई है। इस समझौते को जी-7 देशों समेत ईयू और ऑस्ट्रेलिया का समर्थन हासिल है। इसका मकसद तेल की बिक्री से रूस को होने वाली कमाई में कमी लाना है। दरअसल रूस पर लगाए गए अब तक के आर्थिक प्रतिबंधों का असर रूसी निर्यात पर पड़ा लेकिन उसने कुछ देशों को कम कीमत पर तेल बेचना शुरू कर दिया। रूस के इस कदम के बाद पश्चिमी देशों ने यह कार्रवाई की है। इस हिसाब से अब रूस इस सीमा से कम रेट पर किसी भी देश को तेल नहीं बेच पाएगा।

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