रांची : झारखंड हाईकोर्ट ने हजारीबाग की एक नाबालिग बच्ची को एसिड पिलाए जाने की घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को उसका इलाज अपने खर्च पर कराने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी को अगली सुनवाई में सशरीर हाजिर होने और अब तक की जांच के नतीजे पर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।
मामले की अगली सुनवाई 10 मई को होगी। सुनवाई के दौरान पीड़िता कोर्ट में वर्चुअल मोड में उपस्थित थी। उसने एसिड पिलाए जाने की घटना के बारे में बताया। घटना वर्ष 2019 की है। हजारीबाग में 13 साल की बच्ची जब स्कूल से लौट रही थी तो उसके परिचित ने जबरदस्ती उसे एसिड पिला दिया था। इससे उसकी हालत काफी बिगड़ गई थी। बाद में उसका एम्स पटना और रिम्स रांची में बच्ची का इलाज हुआ था। एसिड पिलाए जाने से 2 महीने तक बच्ची कुछ बोलने में असमर्थ थी। मामले को लेकर हजारीबाग के इचाक थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इस घटना को लेकर तत्कालीन चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखा गया था। इसके बाद एक समाचार पत्र में छपी इस घटना की खबर के आधार पर हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया था। पूर्व की सुनवाई में हाईकोर्ट ने एमिकस क्यूरी से पूछा है कि पीड़ित बच्ची को मुआवजा मिला है या नहीं ? कोर्ट ने इस संबंध में उन्हें शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था।