नमो भारत की NCR को मिली सौगात, सबसे तेज ट्रेन में 20 रुपए में भी सफर
साहिबाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश की पहली रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाई। इससे पहले खबर आई थी कि नए ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ (RRTS) ट्रेनों का नाम ‘नमो भारत’ रखा जाएगा। कांग्रेस ने ‘नमो भारत’ नाम पर तंज कसा है। पीएम पर कटाक्ष करते हुए मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि यह ‘आत्म-मुग्धता’ की पराकाष्ठा है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘नमो स्टेडियम के बाद अब नमो ट्रेन। उनकी आत्म-मुग्धता की पराकाष्ठा है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद रैपिडएक्स स्टेशन पर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिकता वाले खंड का उद्घाटन करेंगे. वह भारत में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के शुभारंभ के साथ साहिबाबाद को दुहाई डिपो से जोड़ने वाली रैपिडएक्स ट्रेन को भी रवाना करेंगे. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले जिस खंड का उद्घाटन किया जाएगा, वह गाजियाबाद, गुलधार और दुहाई स्टेशनों के साथ साहिबाबाद को ‘दुहाई डिपो’ से जोड़ेगा.
पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिकता वाले खंड का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने देश की पहली रेपिड रेल ‘नमो भारत’ को हरी झंडी दिखाई. इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी भी मौजूद रहे. पीएम मोदी देश की पहली रेपिड रेल ‘नमो भारत’ में सवार होकर यात्रा कर रहे हैं. इस दौरान वह ट्रेन में मौजूद बच्चों ने संवाद कर रहे हैं. उन्होंने रेपिड रेल के महिला स्टॉफ से भी बातचीत की.
कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने नमो नाम पर तंज कसा कि भारत भी क्यों कहा जाए? देश का नाम भी नमो रख दीजिए। कांग्रेस नेताओं के ट्वीट पर पार्टी के समर्थक और भाजपा के समर्थक आमने सामने आए गए। सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर डिबेट छिड़ गई।
दो चरणों में कुल 8 कॉरिडोर बनने हैं। यह ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। मोदी ने आज आरआरटीएस के पहले हिस्से का उद्घाटन किया। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे का 17 किमी लंबा हिस्सा 21 अक्टूबर को यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे का 17 किमी प्राथमिकता खंड गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई स्टेशनों के जरिए साहिबाबाद को दुहाई डिपो से जोड़ेगा।
नमो भारत रैपिड रेल की अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। हालांकि, अभी इसे अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया जाएगा। ट्रेन की औसत गति 100 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। मौजूदा समय में नमो भारत देश की सबसे तेज स्पीड से दौड़ने वाली ट्रेन है। वंदे भारत स्पीड की अधिकतम गति अभी 130 किलोमीटर प्रति घंटे की है। हालांकि, वंदे भारत को भी 180 की स्पीड तक दौड़ने के लिए डिजाइन किया गया है।
अभी ट्रेन 5 स्टेशन का सफर करेगी। इनमें साहिबादा, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन शामिल हैं। दिल्ली से मेरठ तक कुल 25 स्टेशन होंगे, जिनमें 4 भूमिगत स्टेशन हैं। सभी स्टेशन-सराय काले खां, न्यू अशोक नगर, आनंद विहार, जंगपुरा, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो, मुरादनगर, मोदीनगर साउथ, मोदीनगर नार्थ, मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दीनगर, ब्रह्रमपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौराला मेट्रो, मेरठ नार्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो।
देश की सबसे तेज और हाईटेक ट्रेन में किराया भी काफी कम रखा गया है। ट्रेन में स्टैंडर्ड और प्रीमियम दो तरह के कोच लगाए गए हैं। दोनों ही क्लास के लिए किराया भी अलग है। स्टैंडर्ड कोच में न्यूनतम 20 रुपए से अधिकतम 50 रुपए का किराया है। मसलन, शाहिबाबाद से गुलधर से गाजियाबाद से गुलधर जाने के लिए आपको 20 रुपए देने होंगे, जबकि साहिबाबाद से दुहाई डिपो जाने के लिए 50 रुपए किराया लगेगा। वहीं, प्रीमियम क्लास में न्यूनतम किराया 40 रुपए और अधिकम 100 रुपए है।
नमो भारत ट्रेन का सफर बेहद शानदार और आरामदायक रहने वाला है। इसमें कई ऐसी सुविधाएं हैं जिससे आपको विमान में सफर जैसा अनुभव मिलेगा। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा मिलेगी। ट्रेन की सीटें बेहद आरामदायक हैं। बिजनेस क्लास कोच में फूड डिस्पेंडिंग मशीनें भी लगाई गईं हैं। मैप के अलावा यात्रियों की सुविधा के लिए मेट्रो की तरह ऑडियो-वीडियो घोषणा की जाएगी। बाहर का नाजारा देखने के लिए डबल ग्लेज्ड, टेम्पर्ड प्रूफ बड़ी शीशे की खिड़कियां हैं। मेट्रो की तरह महिलाओं के लिए एक कोच रिजर्व रखा गया है। स्टेशन से ट्रेन तक दिव्यागों की सुविधाओं का भी पूरा ख्याल रखा गया है।
दिल्ली से मेरठ तक ट्रेन 2025 तक दौड़ने की उम्मीद है। इसके पूरा हो जाने के बाद दोनों शहरों के बीच महज 55 मिनट में सफर हो सकेगा। अभी सड़क के रास्ते मेरठ पहुंचने में परेशानी उठानी पड़ती है और अक्सर जाम का सामाना करना पड़ता है। सामान्य ट्रेन को दिल्ली-मेरठ के बीच 2-3 घंटे का समय लगता है।
हर दिन 8 लाख लोगों के सफर का अनुमान
एनसीआरटीसी के अधिकारी के मुताबिक पूरा कॉरिडोर शुरू होने के बाद रोजाना आठ लाख लोग सफर करेंगे। ऐसे में हर साल करीब ढाई लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा।