रांची : झारखंड में पूर्वी सिंहभूम जिले में हाथियों की मौत की घटनाओं पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संज्ञान लिया है। इस जिले में 20 दिनों के दौरान सात हाथियों की मौत करंट लगने से हुई है। मंत्रालय ने इसकी जांच के लिए टीम गठित की है, जिसने रविवार और सोमवार को जिले के चाकुलिया और मुसाबनी वन क्षेत्रों का दौरा कर घटनाओं की जानकारी हासिल की।
टीम हाथियों की मौत की वजहों के साथ-साथ यह भी पता लगाएगी कि इन घटनाओं के लिए कौन जिम्मेदार है और आगे इस तरह की घटनाएं कैसे रोकी जा सकती हैं। जांच दल में वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के संयुक्त निदेशक एचवी गिरीशा, बोर्ड के सदस्य एन. लक्ष्मीनारायण, रांची के वन संरक्षक पीआर नायडू और झारखंड बिजली विभाग के महाप्रबंधक मंतोषमनी सिंह, जमशेदपुर की डीएफओ ममता प्रियदर्शी शामिल हैं।
इनके अलावा चाकुलिया में पदस्थापित वन विभाग के रेंजर दिग्विजय सिंह, विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता दीपक कुमार, कार्यपालक अभियंता राजकिशोर और सहायक अभियंता अमरजीत प्रसाद शामिल हैं। इस टीम ने घटनास्थलों का दौरा किया और ग्रामीणों से जानकारी हासिल की। टीम मृत हाथियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी अध्ययन करेगी।
बता दें कि बीते 20 नवंबर को पूर्वी सिंहभूम जिले के मुसाबनी वन क्षेत्र के ऊपरबांधा जंगल के पास करंट लगने से पांच हाथियों ने एक साथ दम तोड़ दिया था। इन हाथियों की मौत की जानकारी वन विभाग को अगले दिन तब हुई, जब कुछ ग्रामीण सूखी लकड़ियां और पत्ते लाने के लिए जंगल में गये।
इसके पहले नवंबर के पहले हफ्ते में पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला अनुमंडल अंतर्गत श्यामसुंदरपुर थाना क्षेत्र के मचाड़ी गांव और चाकुलिया वन क्षेत्र स्थित बडामारा पंचायत के ज्वालभांगा में दो अलग-अलग घटनाओं में करंट से दो हाथियों की मौत हुई थी।