पांच गुना बढ़कर 60 अरब डॉलर पहुंचेगा मोबाइल निर्यात, मिलेंगे 15 लाख रोजगार : अश्विनी वैष्णव
नई दिल्ली : देश में बने मोबाइल फोन की मांग दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है। आने वाले समय में भारत 50-60 अरब डॉलर तक के मूल्य का मोबाइल फोन निर्यात करेगा। यह आंकड़ा पिछले साल के 11 अरब डॉलर के मोबाइल फोन निर्यात की तुलना में पांच गुना से अधिक है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, मोबाइल फोन निर्यात बढ़ने के साथ आने वाले दिनों में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार के 15 लाख अवसर (15-lakh-jobs) पैदा होंगे। अभी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में 10 लाख लोगों को रोजगार मिला है, जिनकी संख्या बढ़कर 25 लाख पहुंचने की उम्मीद है। वैष्णव ने एक कार्यक्रम में कहा, 10 साल पहले भारत 98 फीसदी मोबाइल फोन आयात करता था। अब 99 फीसदी मोबाइल फोन भारत में ही बनते हैं। इसमें मेक इन इंडिया के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र पर जोर देने के साथ मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों को प्रोत्साहन देने की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
देश के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग ने एक दशक पहले तय किया गया लक्ष्य सफलता से पूरा कर लिया है। भारत ने इन 10 वर्षों में 4.1 लाख करोड़ रुपये के कुल 245 करोड़ मोबाइल फोन बनाए हैं। इसके साथ ही, यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बन गया है। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के मुताबिक, यह क्षेत्र 2014 में जहां 78 फीसदी आयात पर निर्भर था, अब यह 97 फीसदी तक आत्मनिर्भर हो गया है। उस समय उद्योग ने अगले 10 वर्षों में 20 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल फोन उत्पादन का लक्ष्य तय किया था। आज 19.45 लाख करोड़ रुपये के कुल मोबाइल उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
आईसीईए के मुताबिक, 2014-15 में भारत सिर्फ 1,556 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन निर्यात करता था। 2023-24 में यह आंकड़ा 1.2 लाख करोड़ पहुंचने की उम्मीद है, जो 7,500 फीसदी वृद्धि दर्शाता है। 2014-24 के दौरान मोबाइल फोन निर्यात बढ़कर 3.22 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।