कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को एक बांग्लादेशी निवासी से जुड़े मामले की जांच करने का आदेश दिया है। इस नागरिक का भारतीय वीजा समाप्त हो चुका है और वह यहां से अपना कारोबार चला रहा है।
चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने ईडी को बांग्लादेशी निवासी उमाशंकर अग्रवाल के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू करने का आदेश दिया है। उमाशंकर अग्रवाल पर वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में रहने, अवैध रूप से कारोबार चलाने और यहां तक कि भारत के बाहर धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का आरोप है।
आरोपों के अनुसार, अग्रवाल के मालिकाना हक वाली एक कंपनी ने बांग्लादेश से हासिल बड़े फंड को पश्चिम बंगाल में कई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश किया है। इस संबंध में उसके खिलाफ दर्ज शिकायतों के आधार पर कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। लेकिन बाद में निचली अदालत ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया था। अब, अदालत के आदेश के अनुसार, पुलिस को जांच और मामले की डिटेल ईडी अधिकारियों को सौंपना होगी।
आरोप है कि अग्रवाल के मालिकाना हक वाली कंपनी के फंड को विभिन्न सीमा पार तस्करी रैकेटों और यहां तक कि कुछ अंडरग्राउंड आतंकवादी समूहों को भी दिया गया। अग्रवाल के वकील ने शुक्रवार को दावा किया कि उनके मुवक्किल को इस मामले में झूठा फंसाया गया है।