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हर तीसरे महीने पेट्रोल-डीजल के दामों की समीक्षा करेगी सरकार, उपभोक्ताओं को होगा लाभ

नई दिल्ली: कच्चे तेल की कीमतों में कमी का फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार अब हर तीन महीने में कीमतों की समीक्षा करने की योजना बना रही है। इसमें केंद्रीय उत्पाद शुल्क या राज्य वैट में कटौती को नए नियमों से अलग रखा जाएगा। इसका मतलब है कि कंपनियों को अपने मुनाफे का 10% उपभोक्ताओं को देना होगा। इसके अलावा सरकारें अपने शुल्क में कमी करके भी अतिरिक्त राहत दे सकती हैं।

सूत्रों के अनुसार, अगर कीमतों की समीक्षा तीन महीने में की जाती है, तो नए मूल्य निर्धारित करने के बाद तीन महीने तक कोई बदलाव नहीं होगा। वर्तमान में कंपनियों को पेट्रोल पर 15 रुपए प्रति लीटर का शुद्ध लाभ हो रहा है। अगर 10% लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाता है, तो पेट्रोल की कीमत में डेढ़ रुपए और डीजल में 1.20 रुपए की कमी हो सकती है। हाल ही में कच्चे तेल की कीमतों में 19% की कमी आई है, लेकिन उपभोक्ताओं को इसका पूरा लाभ नहीं मिल सका है। दरअसल, एक रुपए प्रति बैरल की कमी पर सरकार को सालाना लगभग 13 हजार करोड़ रुपए की बचत होती है।

अलास्का का सेंट पॉल आईलैंड, जो बेरिंग सागर में स्थित है, जून से उच्च अलर्ट पर है। यहां खतरा आतंकवादियों या आदमखोर जानवरों से नहीं, बल्कि केवल एक चूहे के कारण है। यह द्वीप दुर्लभ समुद्री पक्षियों और फर सील जैसे वन्यजीवों का घर है, और विशेषज्ञों का कहना है कि चूहा यहां के पारिस्थितिक संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिससे द्वीप के अस्तित्व को खतरा हो सकता है।

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