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स्कूल पाठ्यक्रम, सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में योग शामिल करने की योजना : ओडिशा के मुख्यमंत्री

नई दिल्ली: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार स्कूल पाठ्यक्रम और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में योग को शामिल करने की पहल कर रही है, क्योंकि यह एक स्वस्थ, आत्मनिर्भर और सक्षम भारत के निर्माण में सहायक है।

मुख्यमंत्री ने यहां कलिंगा स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि योग केवल एक शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि ऐसा माध्यम है जो शरीर, मन और आत्मा को सक्रिय बनाए रखता है।

ओडिशा सरकार के खेल एवं युवा मामलों के विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मंत्री, विधायक, वरिष्ठ अधिकारी, छात्र, महिलाएं और अन्य नागरिकों सहित 10,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री माझी ने कहा, “ओडिशा में हम योग को सभी तक पहुंचा रहे हैं। स्कूलों, कॉलेजों, छात्रावासों और खेल केंद्रों में योग पर जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं। हम योग को स्कूल पाठ्यक्रम और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में भी शामिल कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है।

माझी ने कहा कि भारत में योग का अभ्यास वर्षों से होता आ रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 में पदभार संभालने के बाद इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से ही संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी।

मुख्यमंत्री ने कहा, “योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं है, यह ऐसा अभ्यास है जो शरीर, मन और आत्मा को जागृत करता है।” उन्होंने कहा, “योग शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन प्राप्त करने का माध्यम है और यह मानव शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है।”

उन्होंने बताया कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विषय ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ है, जो व्यक्तिगत कल्याण और पृथ्वी के स्वास्थ्य के बीच गहरे संबंध को उजागर करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “यह दिखाता है कि योग न केवल शरीर और मन को पोषित करता है, बल्कि प्रकृति के प्रति सम्मानजनक जीवनशैली को भी बढ़ावा देता है, जो सभी जीवों के साथ सामंजस्य बनाकर चलती है।”

इस अवसर पर संस्कृति विभाग द्वारा पारंपरिक गोटीपुआ नृत्य प्रस्तुत किया गया। अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त रेत कलाकार पद्मश्री सुदर्शन पटनायक ने पुरी समुद्र तट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उष्ट्रासन (ऊंट मुद्रा) करते हुए रेत की कलाकृति बनाई।

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