जयवर्धन बोले- गौसेवा में जान गंवाने वालों को मिले सरकारी नौकरी, CM मंदसौर में कर चुके हैं घोषणा

गुना। धरनावदा में हृदयविदारक घटना में पांच युवकों की दम घुटने से मौत हो गई, मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री एवं राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह ने अस्पताल में जीवित बचे एक युवक से मुलाकात की और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। मृतकों में दो कुशवाहा, एक साहू, एक ओझा और एक सहरिया समाज से सम्बंधित नौजवान युवक शामिल हैं। जयवर्धन सिंह ने घटना को दुखद बताया और कहा कि संभवत: यह पहली बार है जब गौमाता को बचाने के प्रयास में पांच युवकों की जान चली गई।
उन्होंने ईश्वर से शोकाकुल परिवारों को इस दुख की घड़ी में शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। राघौगढ़ विधायक ने पीड़ित परिवारों को उचित आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया और मंदसौर जिले में हुई इसी तरह की एक घटना का हवाला दिया, जहां मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया था। उन्होंने मांग की कि धरनावदा घटना के मृतकों के परिजनों को भी शासकीय नौकरी दी जाए, क्योंकि सभी मृतकों के छोटे-छोटे बच्चे हैं। अस्पताल के बाहर जयवर्धन सिंह ने मृतकों के परिजनों से भी बात की, जिनमें घटना को लेकर गहरा आक्रोश और दुख व्याप्त था।
परिजनों ने बचाव कार्य में लगभग चार घंटे की देरी और तत्परता की कमी पर नाराजगी व्यक्त की। यहां तक कि घटनास्थल पर जब शासकीय एम्बुलेंस काफी देर तक नहीं पहुंच पाईं तो जयवर्धन ने निजी स्तर पर 5 एम्बुलेंस की व्यवस्था कर घायलों को जिला अस्पताल भिजवाने का प्रबंध किया। परिजन इसी बात से आक्रोशित थे कि अगर समय रहते एम्बुलेंस पहुंच जातीं तो युवकों को बचाया जा सकता था। परिजनों में आक्रोश इस बात का भी था कि पुलिस भी घटनास्थल देर से पहुंची और पहुंचने के बाद भी कुऍं में नहीं उतरी जबकि पुलिसकर्मियों का कहना था कि वे एनडीआरएफ टीम की प्रतीक्षा कर है थे क्योंकि कुँए में उतरना बहुत जोखिम भरा था। शुरुआत में, मृतक के परिजन पोस्टमार्टम कराने से भी मना कर रहे थे, लेकिन जयवर्धन सिंह की समझाइश के बाद वे मान गए। इसके बाद शवों का पोस्टमार्टम कराया गया और परिजनों को सौंप दिया गया।